हेलो स्वेल फैमिली गुड ईव्निंग में जया शर्मा आप लोगों के समक्ष उपस्थित हूं 1 नई कविता लेकर जिसका शिर्षक है जिले जिंदगी सुनिएगा पर्दा उठता परदा गिरता परदा उठता परदा गिरता और खेल खत्म हो जाता है किसने खेल बखूबी खेला बस यही यहाँ रह जाता है किसने खेल बखूबी खेला बस यही यहां रह जाता है कोई दिलों पर राज है करता कोई दिलों पर राज है करता और कोई नफरतों में रहता अपने अपने कर्म हैं प्यारे वस्तु खेल निभाता जा अपने अपने कर्म हैं प्यारे वस्तु रोल निभाता जा वस्तु रोल निभाता जा कोई यहां पर दयावान है कोई यहां पर दयावान है कोई यहां निर्दयी महान है कोई यहां पर दयावान है कोई यहां निर्दयी महान है कोई निर्भय साहसी यहाँ पर तो कोई डरपोक दब्बू बड़ा कोई निर्भय साहसी यहाँ पर तो कोई डरपोक दब्बू बडा कोई स्वारथ का चोला उड़े कोई स्वारथ का चोला उड़े सीमित स्व परिवार में कोई स्वारथ का चोला ओढ़े सीमित स्व परिवार में और किसी का पूरा भारत ही उसका परिवार है और किसी का पूरा भारत ही उसका परिवार है कोई खिलखिलाहटों में बसता कोई उदासी का लिहाफ लिए कोई खिलखिलाहटों में बसता कोई उदासी का लिहाफ लिए जिले बंदे मौज से तू जिले बंदे मौज से तू कब परदा गिर जाए पता नहीं कब परदा गिर जाए पता नहीं थैंक यू शुक्रिया सच ही तो है दोस्तों जिंदगी कब अंतिम सांस ले ले पता नहीं चलता इसलिए हमें हर क्षण को मौत से मस्ती से परहित कार्य मतलब दूसरों की मदद करके और नई नई चीजें सीख के और हर पल को बहुत ही जीवंतता से व्यतित करना चाहिए ये जिंदगी सच ही तो है परदा उठता परदा गिरता और खेल खत्म हो जाता है किसने खेल बखूबी खेला बस यही यहाँ रह जाता है तो अपना खेल जो अपना रोल मिला है उसको बखूबी निभाई और सबकी मदद करिए हो सके तो अपने आसपास वालों का ध्यान रखिये क्योंकि आजकल किसी के पास किसी को देने के लिए वक्त नहीं होता है इसलिए वो 1 पंक्ति है न तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो तुमको अपने आप ही सहारा मिल जाएगा तुम बे सहारा हो तो किसी का सहारा बनो तुम बे सहारा हो तो किसी का सहारा बनो तुमको अपने आप ही सहारा मिल जायेगा तुम बे सहारा हो तो किसी का सहारा बनो थैंक यू शुक्रिया कैसी लगी मेरी कविता और मेरे कुछ सुझाव बताइएगा जरूर थैंक यू शुक्रिया धन्यवाद