@JayaC
Jaya Chawla
@JayaC · 3:12

Maine ruk ke do pal tumko yaad kiya ..

article image placeholderUploaded by @JayaC
ईश के लिए, शीर्ष की ऊंचाई में, शीष। महल के कोनों की गहराई में। ईश के लिए, शीर्ष की ऊंचाई में, शीष। महल के कोनों की गहराई में, सुरभि, चंदन से, जीवन की पुरवाई में, सुरभित? चंदन से, जीवन की पुरवाई में। मैंने रुके। दोपल। तुमको। याद किया। मैंने रुक के 2 पल तुम को? याद किया। धन्यवाद।

#hindi poetry #PoetryMonth

@Foodographer
Rohit "ROSH" Sharma
@Foodographer · 0:33
poetry, via, simpl? सिम्पल शब्द थे? भाषा है? तो बहुत ही खूबसूरत। जो अपनी बात रखी है। अपने आवाज में। बहुत ही प्यारी थी और दिल को छू लेने वाली थी।
@KHEVARIYA
Arun Khevariya
@KHEVARIYA · 0:54
जया जी। जीवन की इस आपा धापी में किन्हीं स्मृतियों को सहेज कर रखना। अपने आप में 1 बड़ा काम है। और आपने अपनी इस कविता के माध्यम से जीवन के उन यादों को, उन स्मृतियों को सहेज कर रखने का काम किया है। आपकी इस कविता को सुनकर। ऐसा लगता है कि आप जिस काबिलियत के साथ मैं अपनी उर्दू नज्मों को, उर्दू गजलों को पेश करती हैं, उसी हुनर के साथ, उसी कुशलता, उसी दक्षता के साथ, हिंदी में भी आप अपने मनोभावों को अभिव्यक्त कर करने में सक्षम सफल है। इसी तरह से आप हिंदी और उर्दू दोनों माध्यमों में लिखते रहियेगा और पोस्ट करते रहिएगा। धन्यवाद।
@Swell
Swell Team
@Swell · 0:15

Welcome to Swell!

@JayaC
Jaya Chawla
@JayaC · 0:52

@ROSH

इस बहुत सिम्पल सी तारीफ के लिए आपका बहुत शुक्रिया। हिंदी में मैं कम लिखती हूँ। पर जो भी लिखती हूँ वो मेरे मन के करीब होता है। और क्योंकि हिंदी को समझने वाले, स्वीकारने वाले, आत्मसात करने वाले लोग शायद बहुत कम बचे हैं इसलिए इस कविता के लिए आपका यह रिस्पांस मेरे लिये बहुत मायने रखता है। इसको समझने के लिए, इसको सरहाने के लिए मेरी तरफ से बहुत शुक्रिया। थैंक यू वेरी।
@JayaC
Jaya Chawla
@JayaC · 3:53

@ome

वो हर बात जो तुमसे कह नहीं पाई? वो हर बात। जिसपर मैं रो नहीं पाई। वो हर बात जिसपे मैं आज भी उलझती हूं। मैंने उसमें तुम्हें याद किया है। और कभी कभी जिंदगी हमें इतनी रौशन जगहों पर ले जाती है कि शायद हम उस ऊंचाई पर पहुंच कर जिंदगी की सारी स्याही भुला दें। लेकिन खुदा ने मुझे जितनी भी ऊंचाई बढ़ती मैंने उस ऊंचाई पर पहुंचकर भी तुम्हें याद किया है। चाहे मुझे भगवान ने शीश महल दिया हो, पर उस शीश महल के 1 कोने में अपने मन की गहराई में झांकते हुए मैंने तुम्हें याद किया है।
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