Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:57
श्रीमद्भागवत गीता अध्याय ३ (भाग २)
अहंकार? अहंकार? यानि? कि? अंतकरण? तथा 5 ज्ञानेंद्रियां? 5 ज्ञानइन्द्रियां कौनसी हैं? ये भी जान लेते हैं? त्वचा? आंख? कान? नाक? और जिवा? और 5 कर्मेन्द्रियां कौनसी हैं? हाथ? पैर? मुंह? गुदा? और लिंग? तो ये दोस्तों हमारे 24 तत्वों वाला हमारा शरीर है। हम आगे इसमें और विस्तार से बताएंगे? तो आइए फिर हम भगवान ने यहां गुण विभाग के बारे में चर्चा करें? तो हम शॉर्ट फॉर्म में लेकर चलते हैं। और कर्म विभाग के बारे में। अभी चर्चा होती है?
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:21
इस अध्याय की समाप्ति के समय आप हम लोगों का किस प्रकार से ज्ञानवर्धन करते हैं? और हमें थोड़ी सी सद्बुद्धि प्राप्ति होगी, कि हम यदि पथभ्रष्ट होकर गलत मार्ग पर चल रहे हैं और अज्ञानी और ज्ञानी के बीच के भाव को भूल गए हैं, तो उसके लिए हमें थोड़ी सी सहायता हो जाएगी। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद। हम सभी का ज्ञानवर्धन करने के लिए।