Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:56
श्रीमद्भागवत गीता , अध्याय १ (भाग १)
तो महर्षि वेद व्यास जी का धृतराष्ट्र। पर बहुत स्नेह था। तो उस नेह के कारण वह धृतरा के पास आकर। कहते हैं कि युद्ध होना अब टाला नहीं जा सकता? यदि तुम यह युद्ध देखना चाहते हो? तो मैं तुम्हें दिव्य दृष्टि दे सकता हूं? तो इस पर देतराज्जी कहते हैं कि मैं तो जन्म भर अंधा रहा। अब अपने कुल के विनाश को नहीं देखना चाहता? और ये जरूर जानना चाहता हूँ? कि युद्ध कैसे हो रहा है? युद्ध का? समाचार? जरूर जानना चाहता हूं? तब इसमें कहते हैं वेदव्यास जी कि मैं संजय को द्रव्य दृष्टि देता हूँ?
Muskan Bothra
@Heart_sayer · 0:56
और इसमें सबसे खास बात यह थी कि जब आपने संखों के बारे में बताया कि कैसे 11 संघ किस कारण बजाए गए थे? तो बहुत ही अच्छा लगा यह जानकर। क्योंकि मैंने यह पहली बार जाना है। तो मैं आशा करूंगी कि आप दूसरा ध्याय जल्द ही डालेंगे। और मैं सुनना। चाहूंगी। बहुत अच्छा लगा। थैंक यू।