Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:57
श्रीमद भगवद्गीता अध्याय १७ ( भाग १)
जो प्रकार बताया? भगवान ने यज्ञ का वो है? तम। इसको तामसिक भी कहते हैं? तो तम में क्या होता है? जो शास्त्र विधि से हीन अन्नदान से रहित बिना मन्त्रों के और बिना दक्षिणा के और बिना श्रद्धा के किया जाता है? वह यज्ञ तम यज्ञ कहलाता? है? तो इस अध्याय? 17 अध्याय के पहले भाग में इतना ही। हम अगले भाग में इसको कम्प्लीट करते हैं? तो तब तक के लिए जय? श्री कृष्ण आपका विवेक? शुक्ला।