Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:15
श्रीमद भगवद्गीता अध्याय १७(भाग २)
जय? श्री कृष्ण। मैं? विवेक? शुक्ला? और सत्रहवें। अध्याय के दूसरे भाग में। सबका स्वागत है। भाग 1 में। हमने यज्ञ के प्रकार देखे? उसमें सात्विक रास्िकतामसिक कैसे होते हैं? तो आइए हम भाग 2 में शुरू करते हैं? भगवान का नाम लेकर? तो? जय? श्री कृष्ण? तो आगे अर्जुन जी कहते हैं? तब कितने प्रकार का? होता? है? तो कहते हैं तप। 3 प्रकार का होता है? शरीर का? वाणी का? और मन का? तो शरीर का तप?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:16
बहुत ही खूबसूरत था। यह। मुझे। सुनकर। बहुत अच्छा लगा। बहुत ही मोटिवेटिंग और माइंड शूटिंग। लगता है। ये। जो आप भाग से कनेक्टेड पोस्ट। जो भी होते हैं, अपलोड करते हैं। सो की पोs्टingलik। this i? रैली? mofowrtoविजिट? tes थैंकयू सो मच।