Vivek Shukla
@JAISHREEKRISHNA · 4:17
श्रीमद भगवद्गीता अध्याय ७ (भाग २)
अत्यंत प्यारा है? तो अब अर्जुन जी कहते हैं कि क्या? दूसरे? जो भक्त हैं? वो आपको श्रेष्ठ नहीं? है? तो? भगवान कहते हैं? नहीं? वे सभी उदार हैं? श्रेष्ठ हैं। अब अर्जुन जी बोलते हैं? उनको आप अपनी तरफ क्यों? नहीं? खींच? लेते? तो? भगवान? बड़ा? अच्छा कहते हैं कि मैं मनुष्यों की दी हुई स्वतंत्रता को छीनता नहीं हूँ? प्रत्युत? जो मनुष्य श्रद्धापूर्वक जिस जिस देवताओं का पूजन करना चाहता है? उस उस देवताओं के प्रति मैं उसकी श्रद्धा को दृढ़ कर देता हूं?
Prabha Iyer
@PSPV · 1:35
जय? श्री कृष्णा नमस्ते? सर। आपका? जो एक्सप्लेनेशन है। आप। मेरी। 1 अनुरोध है। आप हर रोज 1 स्वेल डालिए। तो मुझे भी सुनने को मिलेगी। मैं ढूंढ ढूंढ कर सुनती हूं। और मैं इसका रिप्लाइ भी करना चाहती हूं। आप जिस तरह से जिस तरीके से बोलते हो। न?