सपने तो सब देखते हैं पर कभी सोचा है कि ये सपने सिर्फ ऐसे ही तो नहीं आते होंगे कुछ न कुछ तो रीजन होता होगा इनके आने के पीछे तो बस 1 छोटी सी कविता मेरे फील***्स के ऊपर जो सपनों के लिए मेरे मन में है कल रात करीब 3 बजे मेरी नींद खुली उठ कर मैंने खुद को रोता पाया वो सपना मेरी आँखों के सामने अब भी था मानो अंधेरी रात में महसूस होता कोई साया तब मैंने खुद में खुद से ही बातें की समझाया कि सपना था सच नहीं पर कहीं न कहीं उसे सच होता पाया है मेरे मन ने मुझसे बस यही बात कही सपने क्या होते हैं कभी सोचा है बस हमारे मन में दबी ख्वाहिश या डर ख्वाहिशें हमें मीठी नींद में रखती हैं और झंझोरकर रख देता है भय का सफर वो सपने झूठ नहीं होते वो सपने झूठ नहीं होते नींद में हम खुद को आगाह कर चलते हैं अपना ख्याल रखना हमारी ही जिम्मेदारी है यह बात हम नींद में ही खुद से कहते हैं यही कारण है यही कारण है कि सपने मेरे लिए कुछ खास हैं महसूस होता है वो मेरे दिल से उठती आवाज हैं इन सपनों को हकीकत बनाना है या सपने ही रहने देना है अब बस ये तो मेरे हाथों की ही बात है थैंक यू अगर आप लोगों में से भी किसी ने कोई इंटरस्टिंग या कोई डरावने सपने देखे हैं जो आप लोग शेयर करना चाहे तो दू रिप्लाय।

#ColegeVoiceIndia

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