अजनबी Anonymous
@ivgaur · 4:07
शिव ताण्डव स्तोत्र - shiv Tandav Stotra Shloka 3 to 6
मेदुरेमनोविनोदुवद। बुतंबभरतुबूत। भरतरी। अर्थात मुझे। भगवान शिव में अनोखा। सुख। मिले। जो सारे जीवन के रक्षक हैं। उनके रेंगते हुए सांप का फन लाल भूरा है। और बड़ी चमक रही है। ये दिशाओं की देवियों के सुंदर चेहरों पर विभिन्न रंग बिखेर रहा है। जो विशाल, मदमस्त, हाथी की खाल से बने जगमगाते दुशाले से ढका है। श्लोक। 5। सहस्त्र। लोच। न। प्रवुद्ध। शेष। लेख। शेखर। प्रसूल। धुरि। धोरणी। विधुसरंग्रपटबुह। भुजंगराज। मालया। नेबद्दजाटजुटका।