@Itsakshaybansal
Akshay Bansal
@Itsakshaybansal · 5:00

Manali ki Kahani Part 1

article image placeholderUploaded by @Itsakshaybansal
मैं दिल्ली में रहता हूँ और दिल्ली से जहाँ से बसें सबसे ज्यादा मनाली के लिए चलती हैं वो जगह है कश्मीर के मेरे यहाँ से मेट्रो से वो पास पड़ता है तो मैं ज्यादातर मेट्रो पकड़ के ही अगर कभी घूमने के लिए जाता हूँ तो इस तरीके का मेट्रो लेता हूँ उस दिन भी मैंने वही किया मेट्रो पकड़ी लेकिन जाने क्यों ऐसा हो ही जाता है कि हर बार मैं बिल्कुल सही टाइमिंग जाँच कैलकुलेट करके जाता हूँ मगर लेट हमेशा हो ही जाता हूँ और उस दिन भी सेम यही हुआ मुझे पता पड़ा कि मेरा जो ट्रेवल है, जो मेरी बस है वो विधान सभा से चलेगी जो की कश्मीरी गेट पर प्रॉपर्टी नहीं है ओके एंड क्यूंकी मैं लेट हो रहा था मैंने वहाँ से उतर के 1 ऑटो लिया बाहर आते ही देखता हूँ तो भैया सब लोग बोलते है की हमारी रेट तो भैया फिक्स है यहाँ से विधान सभा जाओगे तो 150 50ी रुपए लगेंगे तो मैं 1 बार कुछ सोच में पड़ गया की कहीं ऐसा ही तो नहीं है की 150 रुपए ही लगेंगे और यही सोच के मैंने कहा की देखो भाई मैं तो घूमता हूँ मैंने कहा कि नहीं भाई 1 के बदले 1 दूसरे इंसान से पूछना तो बनता है मैंने वही काम किया दूसरे से भी पूछा सिमिलर आस पास का रिप्लाई मिलेगा तीसरे बन्दे से जब पूछा तो 3 किलोमीटर के भाई साहब उन्होंने हमसे बोले 200 रूपए हम समझ गए कि कोई फिक्स रेट तो नहीं है क्योंकि जब कोई डेढ़ सौ का 200 मांग सकता है तो कोई डेढ़ सौ का सौ ही लगा सकता है तो हमने जब 14 इंसान से पूछने की सोच ही रहे थे तब तक 14 इंसान हमारे पास आ गया हमसे बोलता है की सौ रूपए होगे ऐसे ऊँगली दिखाई उसने हमें हमसे बोलता है की सौ रूपए दोगे हमने कहा हा हा चलिए चलिए चलिए चलिए तो बस हम उनके वोट में बैठ गए बैठ पड़ते हैं बोलते हैं हमसे तुम्हारी बस कहाँ से है तुम्हारी बस कहा ऐसी अरे भाई ये तो हमारे एरिया में इस तरीके से बोला जाता है ये जो बुंदेलखंडी जो लैंग्वेज है जिसमे की ब्रज का भी थोड़ा सा मिक्चर आ जाता है का मोड़ा तू कहाँ जा रहा है का मोदी तू कहाँ जा रही है ये जो 1 मिक्चर है ये कहीं न कहीं हमारी तरफ का है तो हमने ऑटो ड्राइवर से पूछ लिया की भैया क्या आप ग्वालियर मुरैना या आसपास में वहाँ से है क्या बोलते है की तुम कहा से हो हम ग्वालियर से लेकिन रहने वाली हम प्रोपरली मोरेना के हैं तो बोलते हैं कि अच्छा तो हम भी मुरैना में हम गोपाल पुरा में रहते i was like m g you know can really connect the things firstly i was going through a metro then i got late then i got to auto okay then everyone was so fixed with the rates and again i was going metro because i was just thinkin न भैया यहां तो सब बहुत ज्यादा मांग रहे हैं एंड सडनली बन गए केम एंड भैया उसने पैसे भी क* लिए एंड वो हमारे शहर का निकलता है 1 जुड़ाव लगाव तो कहीं कहीं महसूस होता है और यही उस समय हुआ लेकिन लगाव तब ज्यादा थोड़ा पहुँच गया जब वो बोले की अरे हम डरते थोड़ी है और गालियाँ देने लग गए मुझे नहीं आस पास के जो लोग थे जो आस पास में ऑटो वाले जो थे जो की 1 फिक्स रेट बना के बैठे हुए थे उनको गालियां देने लग गए भैया हमें तो हमारा तो हो गया 5 बज गए हम तो सुबह आते हैं 10 बजे शाम को 5 बजे तक की जॉब करते हैं उसके बाद चले जाते हैं इनका क्या है सौ 200 के चक्कर में बैठे रहेंगे मुझे बहुत अच्छा लगा अच्छी चीज लगी देखिये आप किसी भी बिजनेस में है अगर आप 1 अपना रूटीन रखते हैं और खासकर वो रूटीन अगर सुबह का है 10 ऐसे 5 वाला है तो वो आपको हमेशा खुशी देगा आपको खुशी देगा आपके परिवार को खुशी देगा और ये बातें हो रही थी की सरल ली उन्होंने पूछा क्यों की वो हमें थोड़ा सा पढ़ा लिखा समझ रहे थे और हमारा जो पहनावा है उसको भी इस तरीके से देख रहे थे तो हम से बोलते हैं बेटा क्या पढाई की है तुमने मैंने कहा की अंकल मैंने बीए किया है बोलते हैं एकदम से बोलते हैं हम एम बी करवा रहे हैं अभी वो क्या है न मुरैना में है हम उसे दिल्ली बुलाएंगे दिल्ली से हम उसका एम बी ए करवाएंगे और इतनी सारी बातें उनसे हुई रही थी अचानक वो बोलते है बेटा उधर जाओ क्या हुआ अंकल तो बेटा तुम्हारा बस सामने लगी हुई है यही है पर ट्रेवल यही है मुझे बातों में मजा आने लगा था लेट मुझे बातों में मजा आने लग गया था।

#Travel # Manali #Friends

@wydHAWK
Anuj Singh
@wydHAWK · 0:55

Waiting for part 2

तो ये सब मुझे ऑलरेडी बहुत फ्रस्टेटेड फील करवाने लग जाता। but your perspective to all of this? was? positive? and you? just look? out? the happy? side of? things? so? it was? actually? nice? keep? sharing?
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