हाथ थाम कर भी तेरा सहारा ना मिला मैं वो लहर हूँ जिसे किनारा न मिला मिल गया मुझे जो कुछ भी चाहा मैंने मिला नहीं तो सिर्फ 7 तुम्हारा न मिला वैसे तो सितारों से भरा हुआ है आसमान नीला मगर जो हम ढूंढ रहे थे वो सितारा न मिला कुछ इस तरह से बदली बहल जिंदगी की हमारी फिर जिसको भी पुकारा वो दोबारा न मिला एहसास तो हुआ उसे मगर देर बहुत हो गई उसने जब ढूंढा तो निशान भी हमारा न मिला।

#Breakup #poetry

@sushilkumar
sushil Verma
@sushilkumar · 0:04
वाह क्या बात है बहुत ही शानदार कवि बहुत बढ़िया शिल्पीजी।
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