खुशबू? यूँ ही नहीं फैली है। मेरे। वतन के आसमान में। बहुत चंदन जलाए हैं। हमने। सरहदों के। शमशान में। दाग गुलामी का धोया है। जान। लुटा कर। दीप जलाए हैं। कितने ही दीप बुझा कर। मिली है। जब यह। आजादी। हमें, तो। इस आज़ादी को रखना होगा। हर दुश्मन से। आज। बचाकर। ये। नफरत? बुरी? है, न पालो। इसे। दिलो में। नफरत? है?
Shilpy Saxena
@inspiring_soul · 0:06
thank you so much trouve thank you for supporting staples have nice day।
nayan tara
@nayantara · 1:55
hi shilpi इतनी प्यारी लाइनें मैंने इतने ध्यान से 11 शब्द सुना आपका मैं कहीं न कहीं उनको नोट करना पसंद करुंगी अपने किसी डायरी में या फोन पे क्योंकि बहुत आजादी की कविताओं पर पढते हैं सुनते हैं लेकिन ये कुछ अलग थी मुझे बड़ी अच्छी लगी और सच सच बताएं देश भक्ति की बात आते ही कुछ कुछ होता है वाकई में कुछ कुछ होता है मैं हमेशा कहती हूं वो जज्बा ही क्या जो 2 पल का हो तो मुझे तो साल के 12 महीने भी अगर देश भक्ति की चीज सुनने को मिले तो अच्छा ही लगता है और मुझे लगता है देश के हर व्यक्ति को हमेशा देश के बारे में सुन के अच्छा लगना चाहिए देश के बारे में पढ़ के देश के जवानों ने शहीदों ने जो खून अपनी जानें गंवाई हैं और आज भी आये दिन हम लोग न्यूज में पढ़ते हैं आज ये शहीद हो गया जहाँ ऐसा हो गया वहां ऐसा हो गया सब वाटर्स पर तैनात होते हैं अपने घर परिवार को छोड़ के कोई नया नवेला चला जाता है किसी का बच्चा हुआ होता है, कोई अपनी माँ को छोड़ के जाता है और सच कहूँ तो सुन के बहुत दिल वो होता है क्यूंकि में फर्जी फैमिली से ताल्लुक रखती हूं जहां पर ढेर सारे फौजी हैं और मैं उस दर्द को बहुत अच्छे से समझती हूं कि जब अपना कोई वार के लिए गया होता है तो हर हर पल, हर दिन कितना डर होता है अंदर उस डर के साथ जीना क्या होता है मैंने अपने परिवार में देखा है बहुत प्यारी पंक्तियां थीं और आप हमेशा नया नया चुन के लाते हैं की पोस्टिंग थैंक यू बाई।