Maitri Doshi
@Innocentgrl27 · 1:41
Kuch fursat ke din sher
जहाँ अमित, साहब, प्रेम, दुख, आनंद, विद्वेश, शांति, बेचैनी, जीवन, मृत्यु की कविताएं साझा कर रहे हैं। इनका शायरी से प्रेम बखूबी जाहिर होता है। कार्पोरेट सेक्टर से जुड़े होने के बावजूद शेरों शायरी से जुड़ने का ऐसा अलायदा है? उर्दू? नहीं। समझने वालों के लिए। हर मुश्किल, अल्फाज का मतलब, शायरी या गजल के नीचे बता कर हर आम इंसान के लिए। उसका पूरा लुफ्त उठाना, आसान मना दिया गया है। तो कहिए? दोस्तों?