गली के मोड़ पर। गली के मोड़ पर ही कल रात? अंधेरे में? कूदकर? मेरी आखिरी? उmedejantetiwehi? tomhaरेघरकीदहलीज के पास? jhakari? दिल? हाँ? वहीं एक्यारी में, जहाँ मैं अपने दिल का बीज दबा आया था। वो, जो भारी फुर्सत से बढ़ कर 1 कैक्टस का पौधा बन गया है। शायद, जिसके करीब से हर कोई दामन बचा के खतरा ग निकालता है। आजकल वहीं, जहाँ बिजली के खम्बे की रौशनी का दायरा खत्म होता है। और मेरे तुम्हारे मिलने की उस मुकद्दस जगह की शुरुआत होती है।