inderjit …
@inder · 4:56
ik ajeeb sa shaayar
एकांत में बैठा हूँ। और जब जब का हमरा हमनवा हमराज हमदम आकर मिलता है। तो दिल की 2 बातें हो जाती है। यही है जो बहुत वजनी जस बातों को पंख देकर उड़ा सकता है। यही है वो। जो हल्का महसूस करा सकता है। रूह बना देता है। यही है जैसा। कुछ कर देता है। तो इस अपने अन्दर के शायर से दोस्ती जरूर बनाइए। होता है। ये जो। शायर का चोला पहनकर। अक्सर आपसे पर्सनल डायलॉग निजी सी करने आता दिस। इस डिवाइन प्रेजेंस? इसके लिए। लव जोंग दफ्तर।