@igraghurog
Raghu S
@igraghurog · 4:00

Why iphone market is not growing in india as expected?

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तो आप लोगों में से ज्यादातर लोग यह सोचते होंगे की यूरोप में जैसा मार्केट एपल ने बनाया ऐसा इंडिया में क्यों नहीं होता कल अगर आप ध्यान से देखेंगे तो किसी भी कंपनी को किसी भी पर्टिकुलर मार्केट में अपनी पहुंच बनाने के लिए वहाँ के यूजर्स को फोकस करना पड़ता है दे हैव टू बी कंजूमर सेंटर इस चीज में एपल ने अपना योगदान काफी क* किया आप अक्सर डब्लू डी सी जो एपल की हर साल वर्ल्ड वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस होती है उसमें ध्यान दिया होगा की इंडिया स्पेसिफिक फीचर्स चाहे आईफोन हो, मैक हो या उनका कोई भी एप्पल इको सिस्टम का प्रोडक्ट क* आते है क्यूँ की यहाँ की गवर्नमेंट की तरफ से उन्हें सपोर्ट भी नहीं है ऐसा भी है जैसे एपल मैप्स थ्रीडी मैपिंग के लिए इंडियन गवर्नमेंट ने उन्हें परमिशन नहीं दी इसके अलावा भी और रेस्ट्रिक्शंस थी जैसे एपल पे यहाँ की गाइडलाइन्स को फॉलो नहीं करता है यह बहुत बड़ा रीजन था एप्पल के सॉफ्टवेयर्स के कई सर्विसेज में एप्पल फिटनेस 1 फीचर था जो आप अपनी स्मार्टवॉच एपल वॉच या एप्पल टीवी में यूज कर सकते हैं वाल डूइंग एक्सरसाइज एक्सरसाइज करते समय लेकिन ये फीचर्स लकी और अनलकी यू कैन सी इंडिया में नहीं है इसके अलावा और भी फीचर्स हैं जैसे एप्पल वॉलेट जहाँ आप अपने क्रेडिट कार्ड्स होटल्स के कार्ड की और दुनिया भर की जो भी आपका डॉक्यूमेंटेशन है वो उसमे सेव कर सकते हैं हालांकि इंडिया में डीजी वॉलेट है ब* apपलवॉलटकरिजलइक मोर कंफर्टेबल एंड एन एफ सी naबल्डसीmgoवित apple एपल की इंडिया में पेमेंट का ऑप्शन नहीं देता है जहां तक कि आपने यूरोप में अगर किसी यू ट्यूब चैनल पर कभी सर्च किया होगा तो एपल वाच से आप जस्ट आप करके किसी भी चीज के लिए डायरेक्ट पेमेंट कर सकते हैं हैवलाक पेमेंट डीआईसी जो ज्यादातर कार्ड साइट मशीनों में पहले से लगी होती है इसके अलावा आईफोन का इंडिया में न चलने का बहुत बड़ा रीजन था हिंदी ऑडियंस को फोकस न करना या यू कैन से रीजनल ऑडियंस को फोकस न करना इंडिया में बहुत सारी लैंग्वेजेज है और एपल ने कभी इन पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया हिंदी को उन्होंने धीरे धीरे पार्ट बनाया ब* अभी भी उतना एक्सेसिबल नहीं हैं जैसे सीरी हुआ सीरी को आप हिंदी में क*ांड नहीं दे सकते हैं या किसी और लैंग्वेज लैंग्वेज में क*ांड नहीं दे सकते हैं एपल ट्रांसलेट एप हुआ उसमें अभी भी हिंदी ट्रांसलेशन अवेलेबल नहीं है ऐसे कई जगहों पर एप्पल ले कर जाता है जहाँ गूगल उसका बेनेफिट उठा लेता है और उसका बहुत बड़ा रीजन है की इंडिया में एंड्रायड यूजर ज्यादा है अगर कोई ये कहे की आईफोन महंगे हैं तो आई वो कभी भी 1 साल पुराना आईफोन का मॉडल किसी भी बिलियन डे फ्लिप कार्ड या अमेजन ग्रेट इंडियन सेल मे तो आपको रीजनेबल प्राइस पर मिल जाएगा और 1 आईफोन को मिली 5 से 6 साल का अपडेट मिलता है जैसा की आप जानते है आईफोन सिक्स को लास्ट तक अपडेट मिला है इस साल उसका अपडेट बंद हुआ है और ऐसी ही चीजों के बारे में और जानने के लिए मुझे फॉलो करे मेरी प्रोफाइल को देख ले मैं और भी टॉपिक्स पर बात करूँगा जिनके बारे में मैंने अपने भाइयों में लिखा हुआ है और या क*ेंट वेल्क* तो क*ेंट कीजिए। मुझे बताइए कि कैसा लगा मेरा थैंक यू एवरीवन।

Being a trillion dollar company, is it a wise decision to abandon a market which worlds second largest? #AppleEcosystem #appleIndia #iphone #hindi

@wydHAWK
Anuj Singh
@wydHAWK · 1:09
hello rाguyoarridकीबूडीसी में 1 बार भी इंडिया स्पेसिफिक फीचर्स नहीं लॉन्च किया जाता है जिस वजह से इंडिया ऐसा मार्केट ग्रो नहीं कर पा हा apple के लिए and i think part of the reasons because i phone का जो rिsटrctrgoसिस्टm जो कस्टमाइजेबिलिटी लाख करता था वो इस साल से तो वो ठीक हो गया ब* इससे पहले जो कस्टमाइज बिलिटी लाग करता था iphon वो 1 बहुत बड़ा इशू था इंडियन कंज्यूमर्स के लिए बिकाज यहाँ पर तुमने आपने नोटिस किया होगा कि लोग अपने हिसाब से फ़ोन कस्टमाइज कर लेते है की मुझे गेमिंग थीम पसंद है तो मैं 1 गेमिंग थीम लगाऊंगा फिर किसी को वालेंटाइन टीम लगाने वाला है वालnटाinstीmलगादेगa iphon करना उतना ईजी नहीं होता है i थिंक iphon का प्राइस भी एक्टर करता है इंडियन इकॉनमी इस नोट आज रिच आज यूएस ऑन द यूरोप ब* हैं फ्लिपकार्ट के बिग बिलियन डे जो भी ऑफर आते हैं उनमें हैं 1 डेढ़ साल पुराना iphone रीजनेबल प्राइस पर अवेलेबल होता है सो यू आर राइट।
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