@HumaAnsariwrite
Huma Ansari
@HumaAnsariwrite · 1:31

Waqt ke rang

article image placeholderUploaded by @HumaAnsariwrite
वक्त के। रंग। जो रंग गया। इसके हर रंग में। उसकी मुट्ठी। में। में। भी। है। जो चला है। वक्त के संग। न हुआ। रंग में। भंग रंगीन। बन गया। जीवन। उसका। चढ गया। जिस पर। वक्त का हर रंग। वक्त का हर रंग। शुक्रिया। ये थी मेरी छोटी सी कविता। आपको कैसी लगी? जरूर बताएं। मुझे। इंतजार रहेगा।

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@voicequeen
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:43
आपको भी विश्व कविता दिवस की। हार्दिक? शुभकामनाएं। इसी तरह से नई नई कविता है। लिखते रहिएगा। और हम सबको सुनाते रहिएगा। वक्त। कितना अजीब होता है? जब हमारे पास वक्त होता है? तो हमें कुछ काम याद नहीं आता? और जब कुछ काम करते हैं तो वक्त कैसे गुजर जाता है? पता ही नहीं चलता। कभी कभी हम सोचते हैं? खाली रहते हैं? तो की क्या करें? और जब बी जी बैठे है किसी काम में। व्यस्त बैठे हैं? तो सोचते हैं कितना काम है? वक्त? क* पड़ जाता है। जबकि सबके पास।
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