जिनमें बिना वादे के ताउम्र रिश्ता निभाते? क्यों ढूंढते हैं? हम? खुशियां? दूसरों में? क्यों? नहीं? खुद को? तराशते? खाए? खुद को? खुश? रखने की? कसम? पूरे कीजिए? खुद से किए गए? वादे? पूरे कीजिए? खुद से किए गए? वादे। बहुत बहुत शुक्रिया।
ह**ो? बहुत अच्छा लिखा। आपने। मैं कुछ कहना चाहूंगी? इस विषय पर? ये कस? में? ये बातें हैं? सब झूठे। वादे करने में। क्या है? तोड़ने में? क्या है? उन्हें? मतलब ही कहाँ है? कितना आसान होता है? किसी के लिए? वादा करके रिश्ता। तोड़ना? कभी? जोड़ कर देखना, वो रिश्ते। खो चुके होंगे? या तो बहुत दूर हो चुके होंगे। बहुत दूर हो चुके होंगे।
Saumya Joshi
@thehilarytales · 1:07
क्योंकि सच में अगर हम खुद खुश हैं तो हम सब कुछ खुशी देखते हैं। मतलब जैसा हमारा मन होता है वैसा ही हमें दुनिया दिखती है। तो इसलिए हमें सबसे पहले जो प्रोमिस करना चाहिए वो खुद से खुद को हैप्पी। रखने का बहुत अच्छी लगी। मुझे आपकी कविता।