आप सभी को मेरा आदाब मैं हु मांसारी हाजिर हूं आपके सामने अपनी मनपसंद किताब कुरान की समीक्षा लेकर कुरान अल्लाह की तरफ से उतारी गई बेशकीमती किताब है जो कि अरबी जुबान में लिखी गई है बचपन से ही मुझे इसे पढ़ने की आदत है मुझे अरबी भाषा का इतना ज्ञान तो नहीं पर जब भी मैं कुरान पढ़ती हूं मुझे बेहद सुक** मिलता है इसमें 30 पारे हैं और बहुत सारी आयतें जिनमें कुछ आयतों का मतलब मैंने जाना तो मेरी और भी दिलचस्पी बढ़ी कुरान से हमने सीधी राह पर चलना सीखा ने कमल करना, दूसरों के काम आना, दिल में मुहब्बत खुलूस रखना इन सब का जिक्र किया है कुरान में अल्ला ने हमें हिदायत दी गुनाह से तौबा करने की जाने अनजाने कोई गुना हो जाए तो माफी मांगने की कुरान में बताया गया कि जिंदगी 1 इम्तहान है जैसे कर्म हम करेंगे वैसा फल हमको मिलेगा ने कमल करेंगे तो जन्नत के हकदार बनेंगे जिंदगी को जीने के तरीके सिखाए हैं कुरान ने हर वक्त अल्लाह का जिक्र करना, उसकी नियामतों का शुक्र अदा करना, दिल में हसद न रखना, बुराई से बचना बहुत कुछ हमने कुरान से सीखा है अंधेरों को रोशन करती है ये किताब बंद आँखें खोलती है ये किताब जो भी पढेगा हो जाएगा उसे से प्यार।