जब जिंदगी का सही मट? या जिंदगी के मायने? पता चल जाएगा? तो? हम समझेंगे कि सुख हो या दुख हो? ये जिंदगी के उतार चढ़ाव ही हैं? लेकिन जो भी आए चाहे सुख हो या दुख हो? उसे कब तक खींचना है? वो हमारे अंदर है? दुख को आने के बाद उसको नजरअंदाज करो? और सुख? अगर छोटा भी हो? थोड़ा भी हो? फिर भी उसे लेकर उसका स्वागत करो? उसके साथ मजे करो? उसके लिए मजे करो? तो फिर देखना? तुम सुख को ज्यादा पाओगे। और दुख को भूल जाओगे।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 2:28
खुद के हर 1 आदवनी लाइफ का जो है सब चीजों के बारे में सोचकर? डिसिशन लेकर, बहुत मेजर जो लाइव डिसिशन है उनको खुद से सोच के उन पर आना खुद से। dिcाidकrna? i think? that is a very stressful? thing? in? itself? it? we? do? that it? we? do? that? और इस बीच अगर मन को शांत शंति मिले, अगर मन में शांति हो तो वो भी बहुत बड़ी बात है। and i think? more than? happines? thats what we me for? because happines? to te? jati? rhegy? fleaghing? feeling? like you?
Laxmi Dixit
@vicharnama · 1:47
हेलो? एवरीवन नमस्ते? सर। आपने बिल्कुल सही कहा कि जिंदगी सबका अपना। अपना। वे है जीने का। और जैसा। हम जिंदगी को देखते हैं। जिंदगी हमारे लिए वैसी ही हो जाती है। देश। किसी के लिए देश प्रेम जिंदगी है? तो किसी के लिए अपना प्रेम जिंदगी है। आपने बिल्कुल सही कहा जिंदगी को हम जिस चश्मे से देखते हैं। हमारे लिए। जिंदगी वही है। और जिंदगी में 2 ही चीज होती है। या तो खुशी या 2। दुख।