मेरे ही संग खट्टे मीठे ख्वाब का भूलना जरूरी था भीड़ भरी इस दुनिया में क्या मुझे ही चुनना जरूरी था तुम जहर थी तो जहर सा बनकर ही रहती मिश्री सा मीठा बनकर क्या मुझमें घुलना जरूरी था भीड़ भरी इस दुनिया में क्या मुझे ही चुनना जरूरी था मैंने सालों तक खुद को परखा है तुझे भूलना नामुमकिन है मैंने सालों तक खुद को परखा है तुझे भूलना नामुमकिन है खुद को परखने के लिए एतराज का खुलना जरूरी था भीड़ भरी इस दुनिया में क्या मुझे ही चुनना जरूरी था राह अलग, चाह अलग जब अलग अलग जीना मरना इन लाख सितम के बाद तेरा क्या छत पे दिखना जरूरी था भीड़ भरी इस दुनिया में क्या मुझे ही चुनना जरूरी था मैंने सांचा बन करके हीरे सा संभाला सदा तुम्हें मैंने सांचे सा बन करके हीरे से संभाला सदा तुम्हें चोरी छिपकर बाजारू बनकर सरेआम बिकना जरूरी था भीड़ भरी इस दुनिया में क्या मुझे ही चुनना जरूरी था मेरे ही संखट्टेमीठे ख्वाब का बुनना जरूरी था।
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:06
बहुत ही खूबसूरत था ऐसी अच्छी अच्छी पोटरीस पोस्ट किया करिए थैंक यू सो मच।