तुम भी तो गुस्से को? और तेवर को नाक पर रखती हो? अब तुम ही बताओ न कि मेरे गुस्से को आखिर कौन सहन कर? जायेगा? अगर तुम ही न रहोगे? तो? मेरी जान? बताओ? न? मैं? कैसे रह? पाऊंगा? बहुत सारे लोग मिल जायेंगे हमको दिल लगाने के लिए। अगर तुम सा ना मिला? न मिलेगा? मेरी जान। तुम आ जाओ। लौट कर? बस? यही उम्मीद करूंगा। तुम मेरे हो? हा? याद रखो?

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@Shilpi-Bhalla
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:30
ह**ो गुड ईवनिंग स्माइल जी आपकी शायरी बहुत खूबसूरत थी और आपकी शायरी का जवाब शेर से न चाहूंगी जिनसे यूँ दिल लगा बैठे तो उन्हें यह जताना पड़ता है जिनसे यूँ दिल लगा बैठे तो उन्हें यह जताना पड़ता है ये इश्क है इसमें महबूब को नहीं कई बार खुद को भी जाना पड़ता है तो शायद मेरा शेर समझ गया होगा आपकी शायरी भी मुझे बहुत प्यारी लगी।
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