ह**ो गुड मॉर्निंग उम्मीद है कि आप बहुत अच्छे होंगे 1 रचना है जिसका टाइटल है के रोग बढ़ोगे यानि कि अगर किसी के साथ वेवफाई करता है तो वो किस तरह से उसको बोल रहा है तो ऐसा ही इसमें कुछ प्रतीत कराया गया है तो उम्मीद है कि आपको बेहद समझी और पसंद आएगा सुनिएगा रचना और ऐसा लिखा था कि कि बहारे मौसम में वीरान रस्ते देखा करोगे तो रो पड़ोगे किसी से मिलने के लिए जब सजा करोगे तो रो पड़ोगे तुम्हारे वादों ने यार मुझे तब भा किया है कुछ ऐसे कि फिर जो किसी से दगा करोगे तो रो पड़ोगे और तुम्हें उजाड़ देगी मेरी मुहब्बत भी कुछ इस तरह से और तुम्हें उजाड़ देगी मेरी मोहब्बत भी कुछ इस तरह से कि चांद रातों में जब किसी से मिला करोगे तो रो पड़ोगे कि चंद रातों में जब किसी से मिला करोगे तो रो पड़ोगे और बरसती बारिश मैं तुम्हें सताएगी मेरी आंखें याद रखना यह बरसती बारिश में तुम्हें सताएगी मेरी बात या आँखें याद रखना किसी वली के मसार पे जब दुआ करोगे तो रो पड़ोगे किसी वली के मसार दुआ करोगे तो रो पड़ोगे तुम इतना सताया करोगे क्या तुम इतना रुलाया करोगे क्या तुम जब देखो गुम हमको तो खुदा कसम तुम रो पड़ोगे खुदा कसम तुम रो पड़ोगे थैंक यू सो मच।