जब जी चाहता है तो उसको होटों से लगा लेता हूँ। ज्यादा गर्म हो जाती है तो रंग बदलती है मेरी मोहब्बत मेरे लिए आग पर जलती है रंग सावला मिजाज गरम उसकी यादा बड़ी प्यारी है गुमनाम की आसकी जिससे है न उसकी फैन दुनिया सारी है मेरे सारे वो आग से जल जाती है। जब तलब लगी है तो नुक्कड में मिल जाती है इशारे पर वो आग में जल जाती है। जब तब लगती है तो नुक्कड़ मिल जाती है।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:52
ह**ो फर्स्ट फाल तो आपको वेलकम ऑन स्वेल और आपने जो ये रचना चाय पे हमारे लिए पाठ किया है हम लोगों के लिए मेरे शब्द क* पड़ जाएंगे मुझे इतना अच्छा लगा बहुत यूनिक है कोई सोचेगा नहीं कि चाय पे ऐसा इट्स आलमोस्ट लाइक अ रोमैंटिक लिरिक तो चाय पे ऐसा लिखना पॉसिबल है कोई सोचेगा नहीं और बहुत बहुत अच्छा लगा हमें और बिल्कुल आप ऐसे ही लिखते रहिये और और हम लोगों के लिए ये पोस्ट करते रहे या ऐसे स्वेल्स वेलकम वन्स अगाइन थैंक यू।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:34
आलसो? आलसो? मुझे? अभी याद आया? चाय से तो हम सब को प्यार है ही और हमारा हमारे 1 और स्वेल कास्टर है लक्ष्मी जिन्होंने भी चाय पे 1 राइट? अप पढ़कर? सुनाया है? अपने 1 स्केल पे और मैं लक्ष्मी को यहाँ पर इन्वाइट कर रही हूं आपके स्वेल पर? क्योंकि मैं सुनना चाहती हूं कि वाट्स हर टेक ऑन एट? सो? यह।
Swell Team
@Swell · 0:15
Gumnaam writer
@Gumnam_Writer · 0:51
जी बहुत शुक्रिया मैं और बहुत शुक्रिया। थैंक यू सो मच। क्या आपको हमारी रचना इतनी पसंद आई? और लक्ष्मी जी को आप बिल्कुल। इनवाइट कीजिएगा और बुलाइएगा की। हम भी सुनना चाहेंगे कि वो चाय का स्वाद हम तक कैसे पहुंचाते हैं? और उम्मीद है कि वो बेहतर से बेहतरीन राइटर होंगे। थैंक यू सो मच। मैं ये मेरी पहली ही रचना थी। इस पर ऐसा कोई ज्यादा एक्पीरियंस नहीं है। इस ऐप का आये थे? तो 1 महीना हो गया। मान लीजिये आज आपको 25 दिन बाद हम रिप्लाई कर रहे हैं। तो वही होता है। नई जगह होती है।