और अब ये हवाएं कटाक्ष करती है आते जाते कटाव करती है प्रकृति का शायद यही नियम है चट्टानें। चाहे कितनी ही मजबूत क्यों न हो, अंतत उन्हें धूल बनकर उड़ ही जाना है। इस सृष्टि से कोसों दूर दुखों के भवन डरों के पार। किसी और दुनिया में जहां लोग बस सांस नहीं लेते होंगे जीते होंगे सही मायनों में। जहां सपने सच होते होंगे, जहाँ खुशी पता पूछ कर नहीं आती होगी, जहां जिंदगी मुस्कराती होगी
Kaveri Bhatt
@kaveri_bhatt · 0:31
मेज हो जाती हूँ। यह सुनकर समबोडी कैन राइट सो ब्यूटिफुल वेल जो, इतना, हार्ड टचिंग, हो डोंट, नो इतना दर्द कैसे छुपा के रखती हो सिने रीजन क्या। इस दर्द का कैन आई हेल्प कै, ई, बी, ए, फ्रेंड, कैन ई शेर जैसे समझ नहीं सकता। आपको that probably would be hearting you more than anything can
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 1:36
sometimes its dificult to what i mean its dificult to मेक सेंस itna complexity है i now the reason i नो you know veythिंगबटठीक है बस मन हल्का करने के लिए लिख दिया था शो ग्लाइड आपको पसंद आया मैने lisintoyour message but i m सो सौरी मैं सुन लिया मैं बाहर थी और मैंने सुन लिया और फिल्में भूल गए रिप्लाई करने का तो im रैली
Gunjan Joshi
@Bibliophile · 4:36
वो एलबर्ट के मुंह की बहुत बड़ी मुरीद है। और उनकी राइटिंग की बहुत बड़ी फैन है। केमू 1 नोबेल विनर हैं और उन्होंने बहुत तरीके की राइटिंग्स की है। बहुत ही वर्सटाइल राइटर हैं। लेकिन अपनी हर रचना में। वो बाहर ही चीजों की बातें करते हैं। कि मेरी बीवी ऐसी थी? या? मेरे साथ? ये हो गया? वो हो गया। तो कभी वो अंतर मन की बात नहीं करते। और मुझे नहीं लगता कि केमू का ही 1 प्रॉब्लम है? ये सारे। वेस्ट इन फिलोसॉफर्स का प्रॉब्लम है। केवल ग्रीक फिलोसॉफर्स।
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 5:00
वहां से इंस्पीरेशन ड्राइव करते हैं। वो मुझे बड़े इंटरस्टिंग लगते हैं चाहे वो ये सब हैं एडलर हूं आल्फ्रेड एडलर या इस तरीके के फिलोसॉफर्स तो वो मुझे। मतलब वही है कि जो अंतर मन की बातें हैं। जो मन के भीतर। जो चलता है वो बाहर से जुड़ा हो या न हो पर मन के अंदर तो अपनी दुनिया है। न अपना 1 ब्रह्मांड है। और हम उसी में उलझे रहते हैं उसी से आसपास की चीजें सुलझाने की कोशिश करते हैं। तो अंदर मन को जानने बाहे मन को
Swell Team
@Swell · 0:15
हिमांशी। मेरी सुबह। आपकी। ये स्वेल सुन के शुरू हुई। और मैं सच में मानती हूं कि आपकी स्वल मुझे इतनी हिम्मत देती है और इतना प्रेरणा देती है कि मुझे लग रही है। जो भी हो जाए, जैसे भी हो जाए, उसे उसका सामना करते हुए हम आगे चलेंगे, हम खुद के लिए रास्ता बनाएंगे और हम खुद की लक्ष्यों को पार करके ही रहेंगे। धन्यवाद।