तो आज हम बात करेंगे डिसिशन मेकिंग पे तो हम में से कितने लोग हैं जो कोई भी डिसीजन है वो इमोशनली ले लेते हैं लेकिन बाद में हम लोग रेगेक्ट करते हैं कि नहीं काश हमने उस टाइम ये डिसिशन लिया होता या फिर काश हमने उस टाइम ये डिसीजन नहीं लिया होता प्रैक्टिकली सोचा होता इमोशनली नहीं सोचा होता काश हमने उस टाइम उस इंसान को रोक लिया होता जो कि शायद अब इस दुनिया में नहीं है या फिर कई कई चीजें होती हैं जो हम सोचते हैं कि काश आई विश आई कुड हैव?
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:10
it was such a nice swell and the topic with you have cousin for it was seriously something very important so keep posting like this।
Discover_With_ Mamta
@Mamta09 · 5:00
या? बड़ी? तो है? बट? आप के पूरे? कास्ट? की? सेल? की? जो पूरी जो स्टेटमेंट है? इसमें? सबसे बेस्ट पता? मुझे क्या लगा? जो आपने बार बार पुश किया? है? न? प्रेशर? डाला? है? इस? वर्ड? पे? न? काश? मैं? बहुत ज्यादा? क्या? बोले? अट्रैक्टेड हो गई? आपकी? इस बात से? कि हैं? और ये बहुत सच है?
Geetika Kaushal
@Gkaushal6 · 5:00
ह**ो ममता थैंक यू सो मच आपने इतना एप्रीसिएट किया और मैंने देखा कि आपने इतने ध्यान से 11 वर्ड बहुत अच्छे से सुना और उसको समझाए थैंक यू सो मच फॉर दिस लेकिन मैं आपको बोलना चाहूंगी कि आपने 12 चीज बहुत अच्छी थी ही अपनी तरफ से बताई है एंड आई रैली एप्रीशिएट दैट लेकिन मैं थोड़ा सा उसमें बोलना चाहूंगी कि 1 तो आपने बोला है कि सेल्फ रेस्पॉंसिबिलिटी आप मतलब कोई भी डिसिशन लेंगे तो उसकी सेल्फ रेस्पॉंसिबिलिटी आप अपने ऊपर मतलब डाल के ही आपको वो डिसिशन लेना है यह बात ठीक है लेकिन ब* इसके साथ मैं सोचूंगी कि जो क्रिटिसिज्म है आएगा उसके लिए भी आपको रेडी होना है मतलब ऐसा नहीं है कि आपने आज डिसिजन ले लिया आपने सोचा कि ठीक है मैं इसके लिए पूरा पूरी रेस्पॉंसिबिलिटी लेती हूं कि मैं यह डिसिशन ले रही हूं इस टाइम पर लेकिन इसके साथ साथ आपको जो भी क्रिटिसिज्म आएगा वो लोगों का हो, फैमिली का हो, किसी का भी हो वो आपको साथ ले रहे हैं के चलना है उसमें फिर आपको निराश नहीं होना है तो इसलिए मैं थोड़ा सा प्रैक्टिकल डिसिशन लेने में ज्यादा स्ट्रेस कर रही थी बिकज क्या होता है न कि हम कोई भी डिसिशन ले लेते हैं चलो उसकी खुशी के लिए, बच्चों की खुशी के लिए, पैरेंट्स की खुशी के लिए फैमिली की खुशी के लिए लेकिन अल्टीमेटली मतलब किसके ऊपर सब चीजें आती हैं सब चीजें उसी इंसान पर आती हैं जिसने डिसिजन लिया होता है तो आप अगर प्रैक्टिकल हो के थोड़ा सा प्रैक्टिकल होगे उस सिचुएशन में डिसीजन लेंगे तो आई थिंक वो बेटर होगा फॉर द लॉन्ग टीम इसलिए बिकज बाद में आपको आपके ऊपर कोई ब्लेम नहीं कर पाएगा पाएगा कि नहीं आपने उस टाइम इमोशनल हो के लिए आपने गलत डिसिजन लिया उस टाइम आप यह डिसिजन नहीं लेते ये वाला लेते तो ज्यादा बेहतर होता आप प्रैक्टिकल लीजिये लेकिन उसमें लीजिये कि वो सबके लिए बेटर हो उसमें ऐसा नहीं होना चाहिए कि सारी रेस्पॉंसिबिलिटी आपके ही सिर पर आए कि आप मेरी कॉल्पोरेट हो और आपने ही यह डिसिशन लिया और दूसरी बात आप बोल रहे थे कुछ चीजें होती हैं आउट ऑफ क**्रोल होती हैं हमारे हां होती है आउट ऑफ क**्रोल ब* बिलीव मी भगवान आपके सामने कोई ऐसी चीज नहीं डालते जो कि आपके क**्रोल में न हो कुछ न कुछ आपमें ऐसा होता है कि आप उस चीज को हैंडल कर सकते है इसलिए भगवान आपके सामने वो चीज लाते हैं और जिस छोटा सा आपको एग्जाम्पल दूंगी मैं प्रैक्टिकल और इमोशनल उसके बीच में हां 12 परसेंट होता है कि सिचुएशंस होती हैं जो आपको इमोशनल भी लेना चाहिए प्रैक्टिकल होने के साथ ही साथ ब* नौट ओनली इमोशनल आई वुड आगें नौट ओनली इमोशनल तो अभी जैसे कोई रेलेटिव है जो कि आपके बहुत क्लोज हैं ऑलमोस्ट लाइक योर पैरेंट्स वो आपके घर पर आए हैं रहने के लिए लेकिन आप वर्किंग हैं आप उनको टाइम नहीं दे पाए जितने दिन वो आपके पास रहे आप उनको बिल्कुल टाइम दे नहीं पाए या उतना नहीं दे पाए जितना आपने सोचा होगा कि शायद मैं उनको दे पाती और मतलब भगवान न करे ऐसे किसी के साथ हो लेकिन सपोज अगर वो नहीं रहते बाद में और आपको ये न्यूज मिलती है तो सबसे पहली चीज आपके दिमाग में क्या आती है कि काश मैंने उस टाइम मतलब जॉब की 1 छुट्टी लेकर उनके साथ टाइम स्पेंड किया होता तो मैं वही भूलना चाहती हूं कि कभी कभी हो जाता है आपको इमोशनल भी लेना पड़ता है लेकिन बहुत रेयरेस्ट केस में और कुछ होता है कि जैसे आपका बच्चा बीमार है लेकिन आप उस टाइम पर क्या करते हो आप वर्किंग होते हो लेकिन आप सोचते हो कि नहीं मैं आज जॉब छोड़ दूंगी लेकिन मेरा बच्चा बीमार है मुझे उसकी मतलब उसको मेरी जरूरत है तो मुझे छुट्टी लेनी है आप छुट्टी ले मतलब आप छुट्टी ऐसे टाइम पर लेते हो जहां पर जॉब की रिक्वायरमेंट जॉब मतलब जो जहां आप काम कर रहे हैं वहां पर आपकी रिक्वायरमेंट है में बहुत ज्यादा है तो ऐसी सिचुएशन बन जाती है कि आपको वो जॉब छोड़नी पड़ती है तो उस टाइम आप क्या सोचते हैं बाद में कि काश मैंने जॉब जो है वो ना छोड़ी होती या फिर छुट्टी न ली होती मैंने कैसे भी थोड़ा करके मैनेज कर लिया होता हाफ डे ले लिया होता है या कुछ भी कर लिया होता तो हां काफी डिसिशन है जिसमें आपको प्रैक्टिकल होना चाहिए जिसमें आपको इमोशनल होना चाहिए ब* अगेन आई वुड से फॉर द लॉंग रन आपको प्रैक्टिकल ही हो के चलना पड़ता है मोस्ट ऑफ इन मोस्ट ऑफ द केसेज और आप यह नहीं सोच सकते कि फ्यूचर में क्या होगा आज जो है वही है तो सम एक्सटैंड थॉट ठीक है लेकिन अगर हम सोचेंगे ही नहीं आगे क्या होगा तो आज का।
Discover_With_ Mamta
@Mamta09 · 1:34
आपने बिल्कुल सही बात कही यह क्रिटिसिज्म वाली बात ई थिंक आ मस्ट हैव डेट दिस पॉइंट गितिका ब* है मेरे पॉइंट में यह हिडन था कि रेस्पॉंसिबिलिटी लेने का मतलब ही है कि उसके साथ चाहे गुड आय चाहे बैड आए आप रेस्पॉंसिबिलिटी लॉज की मतलब हमें लेनी चाहिए बहुत सही और थैंक यू सो मच सर आपने मुझे रेक्टिफाई किया है एंड यू एडिड दिस अदरवाइज पीपल वुड नॉट अंडरस्टैंड इंटर बिहैंडडवरईवांटड टो सी सो आप जो भी अच्छा आये, जो भी बुरा आये उस डिसिजन के साथ आप तैयार रहना इसी में आपका वो फ्यूचर फोरकास्ट आता है जब मैंने कहा कि थोड़ा फ्यूचर फोरकास्ट होकर देखेंगे तो यही वाली बात खुलेगी कि हां हो सकता है कि आज यह चीज अच्छी लग रही है कल खराब लगे तो लोग आपको बोलेंगे कि अरे यार यह तो तुमने ही किया था तो वहां पे ही रेस्पॉंसिबिलिटी आता है कि आप मुझे क्रेटिसाइज करो आम देर आप मुझे प्रेस करो इम देर एंड वेरी हंबली बिकज लाइफ आपकी लाइफ हमारी इम्पैक्ट हो रही है दूसरे सिर्फ आपका अपनी बातें बोले जाते हैं तो रेस्पांसिबिलिटी लेने का मेरा मतलब यही था कि लोग अपना ओपिनियन देखे जाएंगे आप जिए और क*ी हो भरा बुरा हो आपका है तो मैं ग्रेटफुल हो कि आपने यह पॉइंट एड किया so that people should not mिsटेकmstaknमई वर्ड्स थैंक यू सो मच गितिका थैंक यू।
Geetika Kaushal
@Gkaushal6 · 1:13
थैंक यू सो मच ममता आपने उसको पॉजिटिवली लिया दैट इस सच वन्डरफुल थिंग तो ऐक्चवली ये बहुत क* लोगों में होती है कि अगर आपको कोई सही डिसिशन या कोई भी डिसीजन सौरी डिसिजन नहीं इट्स एन ओपिनियन दे रहा है तो आप उसको पॉजिटिवली लो तो यह मुझे बहुत अच्छा लगा कि आपने इसको पॉजिटिव वे में लिया तो ऐक्चवली बेसिकली म अकाउंट वाज वर्किंग ऐज अ काउंसिलर ओनली तो समहाउ दिस रिलेट तो मी ली मैंने भी जॉब छोड़ी थी 1 टाइम पे तो ऐसे लाइफ के काफी डिसिजंस हैं मेरे जो कि मैंने सोचा कि उस टाइम ना मुझे नहीं लेना चाहिए थे इमोशनल होके तो क्या होता है न कि एक्ली जो बेसिकली हमारी लाइफ में होता है हम उसको चाहते है कि वो किसी और की लाइफ में न हो तो इसलिए हम उसको मतलब आज मतलब बेसिक जो काउंसिलर का वो होता है यही होता है कि वो दूसरों को सही एडवाइज करे तो ब* जो इसको सुन रहा है वो भी उसको पॉजिटिवली ले यह बहुत अच्छी चीज है तो यह बहुत अच्छा लगा मुझे थैंक यू सो मच।
Discover_With_ Mamta
@Mamta09 · 2:01
कृतिका पॉजिटिव लेने का 1 बहुत बड़ा रीजन है जैसे आप बहुत एक्सपीरियंस हो, आप काउंसिलर हो, रह चुके हो और काउंसिल*** 1 ऐसी स्किल है कि आप प्रोफेशनली हो न हो आप रहते हो थ्रू आउट योर लाइफ तो रियली रेस्पेक्ट दैट एंड सिंस आपने शेयर किया तो मैं भी शेयर करना चाहोगी कि मैनेजर रेस्पॉंसिबिलिटी लेने की बात के सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने अपनी लाइफ में ऐसे डिसीजन लिए हैं जहां मैं होलंसहोलस्टैंडिंग थी एंड पीपल सपोर्टेड मी बाइल टेकिंग डिसिजन दे शोट में आलसो की गलत हो सकता है देख लो एंड हुआ भी बहुत गलत हुआ बहुत ब* आज मैं जहां पर हूं न उस जब वो गलत हो रहा था मेरे साथ तो आई वज डिस् हार्टन आई वज ब्रोकेड आई वाज इन पीसेस ब* उस समय मैंने यह सोचा कि पॉजिटिव सोचना शुरू किया कि अगर मैंने यह डिसीजन 10 साल पहले नहीं लिया होता तो मैं आज यहां नहीं होती तो रूस कॉस में जा के नेगेटिव के साथ साथ पैरेलली कुछ तो पॉजिटिव हुआ होगा क्यूंकी मैं जिंदा हूँ तो कुछ तो मकसद रही होगी मेरी लाइफ की तो ये एक्सपीरियंस क्यों एड हुआ मेरी लाइफ में एंड उस जर्नी को फॉलो करते करते करते सक्सेसफुल तो नहीं बोलूंगी बहुत बड़ा वर्ड है ब* 1 लाइफ में ऐसी जगह पर आ गई जहाँ मैं बहुत कुछ कर पा रही हूँ ना म काउंसिलर आम काउंसिलर, आम कोच, परसलिटीडेवलपमेंट कोच, क*्यूनिकेशन कोच, इंटरव्यू कोच सो मैं बहुत तहे दिल से आपने अपनी जो शेयरिंग की है उसको बहुत एप्रीसिएट करती हूँ और बहुत क* लोग होते हैं इस दुनिया में जो आपको पॉजिटिवली आपको आपकी गलती सुधारते हैं आप उनमें से 1 हो तो आप हमेशा पॉजिटिव रहो इंशाला बहुत तरक्की करो सुखी रहो शांत रहो बहुत खुश रहो।
Swell Team
@Swell · 0:15
Geetika Kaushal
@Gkaushal6 · 1:44
सुन के कि आप भी सेम फील्ड में? हो? में भी दाट्सवायहमइतना रिलेट कर पा रहे? 1 दूसरे से? और दूसरी बात? मैं यही कहूंगी? जैसे आप मुझे अपना बता रहे हो कि आपका भी 1 फेस आया था? लाइफ में।
Sreeja V
@Wordsmith · 1:31
ह**ो गीतिका अच्छा लगा आपका पोस्ट और मैं इसलिए नहीं क*ेंट कर रही हूं बिकज डोंट एग्री विथ यू डू एग्री विथ यू आई जस्ट वांट तो शर न मो prspेc्टिव ये जो मन है न हमें दोनों ओर खींचता है जब हम 1 फैसला लेते हैं जो हमें तब लगता है कि सही है उस फैसले को लेने के बाद तुरंत कुछ ही पल में या क्षण में या घंटों में या दिनों में हमारा मन हमें यह बोलता है कि नहीं शायद ये सही नहीं थे तो ये सारा मन का खेल होता है और जो हमारे पास है सिर्फ ये पल पल है जो गया जो हमने डिसिशन लिए वो पल चला गया we have to live in the moment and that is what we forget so this post is very much even you know in the sense and मुझे अच्छा लगा और काश के बारे में सोच के काश यह होता है का शो होता कोई फायदा नहीं है वी आलवेज move हेड बेस्ड ऑन वर एक्पीरियंस मेरे खयाल से इंड्यूशनपेज्यादा डिपेंड करना चाहिए हमें और सही है तो सही अगर गलत हुआ तो हमारे डिसिशन के कॉंसिक्वेंसिज हमें फेस करने पड़ेंगे ब* देर इस डेफिनिटली नो पोइंट थिंकिंग ऑनली सो थैंक यू फॉर दिस लवली पोस्ट।
Geetika Kaushal
@Gkaushal6 · 3:35
then we? should be all the cॉnसीकueंसes? डिपेंडस के आप? डिसिशन उसमें ले रहे हो? किसके बारे में? ले? हे? a big? decision? or small? decision? कैसी? सिचुएशन में ले रहे हो? कैसे? सरकमस्टांसेज में? ले रहे हो? मतलब? उस? टाइम? आप मेंटली? कैसे है? आप? हेल्दी? हैं? या? आप? किसी प्रेशर में? आकर ले रहे हैं? एंड?
Geetika Kaushal
@Gkaushal6 · 2:13
है? थैंक्स फॉर? रिप्लाइंग। आप सही बोल रहे हैं कि बहुत ज्यादा सोचकर भी हमेशा नहीं चला जाता? ऐक्चवली होता है कि हम ये सोचते हैं कि जो होना है वो तो होके ही रहना है? बट? सिर्फ? ये सोच के कि ऐसा ही होगा? तो हम ट्राई करना नहीं छोड़ सकते? न? एट? लीस्ट? हमको ट्राई करने के लिए। तो 1 सही स्टेप लेना पड़ेगा? और दूसरा? मैं ये बोलूंगी कि ओवर थिंकिंग। हम तब करते हैं? जब जैसे बोलते हैं। न? खाली? दिमाग? शैतान का?
pramod j
@pramodj321 · 0:59
i कompलीtlyaगrीwiत? you? जब हमारा पैशन या हॉबीज नहीं मिलते? या फिर रियलाइजेशन नहीं होता? या फिर पैशन और hobi ac्चulलाइफतबतक डिसीजन मेकिंग डिफिकल्ट हो जाता है? बहुत बार हमें ऐसी कंडीशन आती है कि आईटीएस और न उसमें से क्या चूस करू? लेकिन अगर हमारे पास हमारे पैशन है? हॉबीज है और उस फील्ड में एक्च्वलीप्रेजेंट है जो कि हमारी ऑविजहैतबडिसिजन लेना बहुत ही आसान होता है यह मैंने खुद एक्सप्रस भी किया है और लेकिन जब तक हमें ये नहीं मिलते जो हॉबीज है हमारे पैशन से तब तक डिसीजन लेना बहुत ही डिफिकलताहैथैंक। यू सो? मच फॉर? i थिंक? sॉltinगfथॉर्टस मई हेड?