लौटा 2 बचपन के वो दिन। अब न कोई बारिश। न कोई कश्ती, ना कोई वक्त। 1 दूसरे को दे पाता है। बस। मोबाइल पे ही। टिकटॉक बनाने में। पूरा वक्त बीत जाता है। ऑन हो तो सब पास में। और स्विच। ऑफ होते ही सब कहीं खो जाता है। लौटा 2 बचपन के वो दिन। लौटा 2 बचपन के वो दिन। आज। भाई, कहीं और बहन। कहीं। सब रिश्ते। खोते जाते हैं। माता पिता भी अकेले रह गए। हम। नई नई पोस्ट बनाते जाते हैं। बच्चे भी। मोबाइल। पे। अब घंटों। वक्त बिताते हैं।