Garima Mishra
@GarimaMishra · 3:05
मेरी तरह तुम नहीं हो सकते
good evening everyone ई होप आप सब ठीक हैं अच्छे हैं। आज की सामना काफी हसीन रही कुछ दोस्तों के बीच बैठकर यूं ही पुरानी बातें हो रही थीं पुराने दिन पुराना प्यार पुरानी यादें तो यूं ही बातों बातों में 1 बात आई कि हर इंसान अलग होता है कोई किसी की नहीं हो सकता और कहीं न कहीं ये अच्छी बात है हम इंसानों की कि सब अलग हैं अपने अपने वे में यूनिक है सबका अपना 1 नजरिया है अपना 1 तरीका है प्यार करने का बात करने का इजहार करने का याद करने का। यह काफी अच्छी बात है तो इन्ही बातों को लेकर 1 छोटी सी लिखी थी आई होप की आप लोगो को पसंद आये तो सुनिएगा के यूं ही मुझ में बैठे बैठे गुम नहीं हो सकते शुक्र मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते कि यूँ ही मुझ में बैठे बैठे गुम नहीं हो सकते शुक्र मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते चाहत के सारे अफसाने नज्म नहीं हो सकते के चाहत के सारे अफसाने नज्म नहीं हो सकते बस तेरे ही मारे खंजर से जख्म नहीं हो सकते मैं तो तुम में मरती जीती हूँ मैं तो तुम में मरती जीती हूँ तुम मेरी तरह मुझमें खत्म नहीं हो सकते शुक्र मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते इकरार इंतेज़ार इख्तेयार इकरार इंतेज़ार इक्तयार ये सारे मोहब्बत के भरम नहीं हो सकते हो सकता है बीती बातें भूल सी बनकर उड़ जाए के हो सकता है बीती बातें धूल सी बनकर उड़ जाए पर यादों के जख्मों पर वक्त के कभी मरहम नहीं हो सकते शुकर मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते मिल जाए तुम्हें कोई और महबूब शायद कल को मिल जाए तुम्हें कोई और महबूब मेरा भी कोई और रकीब हो जाए फिर भी के साथ बैठ कर हम हम नहीं हो सकते हम हम नहीं हो सकते मैं तो उतार दूं तुम्हें कागज पे मैं तो उतार दूं तुम्हें कागज पे तुम्हारे हर अफसाने पर गजल बया कर दूं लेकिन तुम जस बातों की स्याह से भरे कोई कलम नहीं हो सकते शुकर मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते शुक्र मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते कभी कभी कोई इंसान हमारी तरह नहीं हो सकता इस बात के लिए उसे शुक्र मनाना चाहिए कि जो दर्द हमने देखा हो सकता है उसने उससे ज्यादा बुरे दिन देखे हो ज्यादा कुछ बुरा हुआ हो हम अपनी तरफ से चाहते हैं कि उस इंसान को ये दर्द महसूस न हो हम इस बात का शुकर मनाते हैं हम उन्हें उस बात का शुकर मनाने को कहते हैं तो बस इसी पर कुछ लिखा था आई होप आप लोगों को पसंद आया होगा और प्लीज फीडबैक जरूर दीजियेगा थैंक यू।
Sheeba ❤❤❤
@sheeba1234 · 1:25
मगर जो घुटन हमने सही उसे तुम नहीं सह सकते। शुकर मनाओ मेरी तरह तुम नहीं हो सकते। आँखों में आंसू होते हैं फिर भी मुस्कराते हैं। हम आँखों में आंसू होते हैं फिर भी मुस्कराते हैं। हम। लाख। शायर हो। तुम। मगर। मेरे दर्द को अल्फाज नहीं दे सकते। शुक्र मना नाव। मेरी तरह।
Prabha Iyer
@PSPV · 1:46
आइडेंटिकल रहते तो हमें कनफ्यूजन हो जाती? कहीं? कहीं? ट्विन्स भी तो पैदा होते हैं? तो बहुत सालों तक डिफ्रेंशेट करना नामुमकिन होता है। सिर्फ उनके मां बाप को ही पता चलता है कि कौन कौन? किस नाम से जाने जाते हैं। और अगर 1 दूसरे के जैसे हम होते तो हमारी फील***्स भी उनकी होती। और उनकी हमारी। और आपने सही कहा हमने जो कष्ट भुगता है वो दूसरों को नहीं देना चाहिए। आपका भाव। मुझे बहुत अच्छा लगा। इतनी गहराई। आपके मन में। इस उम्र में लाजवाब है। आप।
Jaya Sharma
@jayasharma · 0:57
जो तुमने हाथ छुड़ा लिया। ज्यादा साथ रहते तो आदत बन जाते? ज्यादा दिन साथ रहते? तो आदत बन जाते? गरिमा जी? इसी तरह लिखते रहिएगा। आपकी। नज्म? हमें? बहुत अच्छी लगी। थैंक? यू शुक्रिया।
Garima Mishra
@GarimaMishra · 0:11
प्रभाजी? थैंक यू सो मच। आपने मेरी पोयट्री को इतने ध्यान से सुना है? लाइन के लिए आपने फीडबैक दिया। रैली रैली थैंक यू थैंक यू सो मच?