@GarimaMishra
Garima Mishra
@GarimaMishra · 3:57

सोच रही हूं तुमको इक दिन चिट्ठी लिखकर

जिसमे भागे नहीं, वोही अगनि वाली भट्टी। लिखकर। भाग्य की होगी। अग्नि वाली भट्टी। लिखकर। सारे सपने वापस। मंगवा लूं। तुमसे। अपने सोच रही हूँ। तुमको। 1 दिन चिट्ठी लिखकर। सारे? सपने? जब तुम मुझको वापस भेजो के सारे? सपने? जब तुम। मुझको वापस भेजो। अपने हृदय की। मिट्टी। तुम भी लिख देना। मेरा हृदय? रखने। हेतु? कुछ भी। तुम उस दिल लिख देना। 1 छोटी सी चिट्ठी तुम भी लिख देना।

#कविता

@Rohit_raj_0001
ROHIT RAJ
@Rohit_raj_0001 · 0:51
ह**ो? गरिमा? रोहित? दिस साइड? एंड आपने। जो। ये चिट्ठी लिखी है। हर सपने के ऊपर बहुत ही खूबसूरत है। और कभी भी किसी भी पंक्ति से या फिर किसी भी जगह। मुझे ऐसा नहीं लगा कि यह अधूरी है या उसमें कुछ एड किया जा सकता है। बहुत ही परफेक्टली लिखा है। आपने। और शब्दों के का। चयन जो किया है वो भी बेहतरीन है। और जिस तरीके से आपने अपने मतलब अपने शब्दों के माध्यम से अपनी भावनाओं को पिरोया है वो बेहद ही खूबसूरत है। और मुझे पूरा दास है कि आपने दिल की गहराइयों से इस कविता को लिखा है तो बहुत ही शानदार तरीके से लिखा है।
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