इंतजार करते करते हर शाम बीत गई इंतजार करते करते हर शाम बीत गई आंधियों ने तोड़ा और बरसातों में बीतते हर रात बीत गई आंधियों ने तोड़ा और बरसातों में बीतते हर रात बीत गई बस अब मर जाने से पहले लौट आओ बस अब मर जाने से पहले लौट आओ, क्योंकि राख होने को है जिंदगी क्योंकि अब राख होने को है जिंदगी।