METIME ke pal
तो लिखा है मैंने कुछ पंक्तियाँ? कुछ लाइन्स? आई होप? आपको? पसंद? आए? पसंद? आएगा? तो मुझे बताइएगा। और यह मेरी खुद की लिखी हुई है। थोड़ी देर पहले ही। मैंने इसको लिखा है। अक्सर लिखता रहता हूँ? तो जितना जितना? आप जानेंगे। सब पहचानेंगे। तो शुरू करता हूँ, की मैं ढूंढ रहा हूँ। रहा हूँ। खुद के असली पहचान को। दर। बदर। में? ढूंढ रहा हूँ। खुद की असली पहचान को दर। बदर। इस बंजर?
Neelam Singh
@NEELAM · 1:19
आपसे आपका स्वैल सुन कर के वक्त लगेगा पर संभल जाएंगे? वक्त लगेगा पर संभल जाएंगे, तुझसे बच कर भागेंगे भी? तो ये जिंदगी भाग कर। किधर जाएंगे? धीरे धीरे संभल कर, पांव रखना। हम भी सीख जाएंगे, वक्त लगेगा पर संभल जाएंगे, तुझसे बच के भागेंगे भी? तो ये जिंदगी भाग कर कहाँ जाएंगे? तो ये थी मेरी लिखी। कुछ पंक्तियां आई होप? आपको? पसंद आएंगी।
Sreeja V
@Wordsmith · 1:08
रोहित जी? बहुत ही बढ़िया। 1 कप कॉफी? या चाय है न? ले के? हम बैठे? और अपनी जर्नी? जो है। अंदरूनी जर्नी। है। मेरे खयाल से। न हिमालय जाने की। जरुरत है, न कहीं। और न साधु बनना है। संत खुद को। जो पहचाने की जानी है। वो जरनी? जिसको हम इनर जनी कहते हैं। है न? हमें अपने आप की ओर जाना है। जो भी ढूंढना है अंदर ही ढूंढना है। तो ये जो सच्चाई है? जितनी जल्दी हमें पता चले उतना ही अच्छा। जैसे आपने कहा?