1 वक्त ही ऐसा बेबाक है जो सोच बदल सकता है। वरना किस में ऐसा दम है जो ऐसी सोच रखता है। चलो आज सोच से सोच को मिलवाते हैं। कुछ अपनी तो कुछ उनकी बातें करवाते हैं, जिंदगी आज हैं। कल का क्या पता इसी सोच में चलो जिंदगी सही बनाते हैं। काल करे सो, आज कर, आज करे सो, अब पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब कह गए ये संत, कबीर महान आज यही बात हम खुद से खुद को याद कराते हैं। धन्यवाद सोच सोचिए।
Anu Sham
@Anu_Budhrani · 0:16
नमस्ते मनुजी सोच से ही बनती है। जिंदगी बिना सोचे है, जिंदगी, अधूरी सोच को अमल में लाना है, जरूरी, तभी होती है, जिंदगी हमारी पूरी शुक्रिया।