अच्छा सुनो अब दिल नहीं लगता है बहुत बहुत याद आती है तुम्हारी दिल करता है कि बस तुम पास हो और तुम्हें बता सकूँ कि तुम्हें कितना याद करता हूँ बहुत प्यारा होता तुम पे पर क्या करूँ कह भी नहीं सकता कभी कभी सोचता हूँ कि ऐसा क्यों है तुम क्यों चली गई फिर सोचता हूँ अच्छा ही हुआ शायद मैं तुम्हारे काबिल ही नहीं था पर फिर दुख भी बहुत होता है यार पर 1 दर्द सा है दिल के अन्दर जो जाता ही नहीं है जब भी किसी को किसी के साथ देखता हूँ न तो अंदर से 1 घुटन सी महसूस होती है कि शायद कि शायद तुम अगर साथ होती तुम्हें ऐसा न होता मैं भी शायद खुश होता हँसता खिलखिलाता ब* ऐसा यूं उदास न होता मैं तुम शायद किसी कोने में किसी गली में, किसी घर में खुश होगी मैं तो नहीं हूँ ना दर्द होता है बहुत रोना आता है बहुत कुछ होता है अंदर कह कर बता भी तो नहीं सकता महसूस होता है न बस इतनी सी बात है कि अगर तुम होती तो ऐसा न होता यूँ मुरझाया नहीं होता मैं अगर तुम होती तो शायद किसी कोने में खुश होता मैं भी तुम्हारे साथ यूं अकेला बैठा रोता नहीं मैं ऐसे ऐसे तो नहीं होता न अगर तुम होती तो मैं भी मैं भी शायद खुश होता अब क्या ही कहूँ मैं बस बहुत कुछ है जो बता करनी बता करनी में जता सकता काश कोई पढ़ने वाला होता मुझे यूं कि में वो मुझे पढ़ता और उसे सब कुछ पता चल जाता कि मैं क्या चाहता हूँ।
@outdatedtribe_
Shahnawaz Khan
@outdatedtribe_ · 0:24
bahut, bahut, bahut, kum dildar sas को, bilkul she lvzomeaemebhut hd desnadrtost।
@dildaar000
dildaar
@dildaar000 · 0:21

@outdatedtribe_

थैंक यू सो मच भाई बस जस्ता निकल जाते हैं कभी कभी वो हमारी भाषा में क्या कहते हैं बह जाते हैं कभी कभी थैंक यू सो मच टेक कर।
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