Deep _Sense
@Deep_Sense · 2:35
रिश्तों की बुनियाद!! @swell
आज कुछ शायरियां देखते हैं जो मुझे मिली है कहीं से टूटी माला बिखरे मन के झुलस गए वो सारे सपने रिश्ते नाते हुए पराए जो सारे कल तक थे अपने ऊँगली पकड़ कर पाँव चलाया घर के अंगारे में यौवन लेकर वो समूह खाया अब मेरे सामने बंटवारे में उठा नाम बटवारे का तो सब कुछ लगा था ब* ने टूटी माला बिखरे बनके झुलस गए वो सारे सब रिश्तों की अब बूढ़ी आँखें देख देख पधराए आशाओं के महल की सांसें चलने से घबराए कल का नन्हा हाथ गाल पर लगा तमाचा कसने टूटी माला बिखरे मन के दुलसगएवोसारे सपने दीवारों पर चिपके रिश्ते दीवारों पर चिपके रिश्ते रिश्तों पर दीवारें घर आगन सब हुए पर आये अब हम किसको पुकारे रिश्तों की मैली सी चादर चली सड़क कर हट में देखो टूटी माला बिखरे मन के झुलस गए सारे सपने हर घर में बीएस यही समस्या चौखट पर खड़ी है जिसको छूकर देखा रतमबिखुदावही 1 बड़ी है हर रिश्तों में बड़ी दीवारें लगा कलेजा फटने टूटी वो सारे कर वो सारे तो बेसिकली ये जो शायरी मेरी खुद की नहीं थी मुझे ही मिली है मैं नहीं जानता कि किसने उसने ये सच्चाई बताई है जिंदगी की जिंदगी में आप कुछ भी कर ले अगर प्यार नहीं है तो उसका कोई भी हो उसे में समय नहीं लगता तो जिंदगी में जो भी रिश्ते हैं आपके पास आपके आस पास उनको वक्त दीजिये उनको संभाल के रखिये क्यूंकि कल हो ना।
Sreeja V
@Wordsmith · 0:13
वाह बहुत ही इंट्रस्टिंग और दिल को छूने जाने वाला प्रेजेंटेशन है। really enjoy listing to it and indid अ वेरी de मीनिंग ful post।
Deep _Sense
@Deep_Sense · 0:24
thank you so much man for like rewarding with these month of appreciation and a man ka post me actually ye mera ne s post mila and yes it is some very ended thank you so much and keep जाइनिंग।