कुछ पल काफी हसीन बन जाते है। जब कोई अपने हम सफर बन जाता है। न कोई गुस्ताखी। न कोई शिकवा होता है। क्योंकि मोहब्बत की मंजिलों में बेशक रास्ता अधूरा होता है। न। जा के भी। खुदगर्जी। महसूस होती है। जब कोई अपना खुद से जुड़ा होता है। बहुत हद तक चाहा था उसको। बहुत हद तक चाहा था उसको। लेकिन। कहते हैं न? जो नसीब में लिखा होता है वहीं खुद से जुदा होता है।
सबसे पहले धन्यवाद। इस प्यारी सी कविता के लिए। और आपके शब्द और भाव। हमें बहुत ही प्रेरित करते हैं। हर 1 पंक्ति बहुत ही 1 कहानी से सुनाती है। और आपकी रचनाएं बहुत ही खूब बहुत ही गंदा है। और मैं आशा करती हूँ कि आप ऐसी ही प्यारी सी कहानियां है। प्यारी सी कविताएं हमारे लिए लेते आयेंगे।