कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ….हरिवंश राय बच्चन

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ह**ो दोस्तों आज हरिवंश राय जी बच्चन जी की 1 कविता है वो पढना चाहता हूँ याद आती है मैं यादों का किस्सा खोलूँ तो कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं मै गुजरे पल में सोचूं तो कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं अब जाने कौन सी नगरी में आबाद हैं जाकर मुद्दत से मैं देर रात तक जागूं तो कुछ 2 दोस्त बहुत याद आते हैं कुछ बातें थी फूलों जैसी कुछ लहजे खुशबू जैसे थे मैं शहरे चमन में टहलूं तो कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं सब की जिंदगी बदल गयी 1 नए सिरे में ढल गयी किसी को नौकरी से फुरसत नहीं किसी को दोस्तों की जरूरत नहीं सारे यार गुम हो गए तो से तुम और आप हो गये मैं गुजरे पल में सोझा तो कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं धीरे धीरे उम्र कट जाती है जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती है किनारों पर सागर के खजाने नहीं आते फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते जी लो इन पलों को हस के दोस्त जी लो जी लो इन पलों को हंस के ये दोस्त फिर लौट के दोस्ती के ज़माने नहीं आते वो दोस्त कुछ दोस्त बहुत याद आते।
@Priya_swell_
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:10

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ये लाइंस सीरियसली बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है, बहुत ही ज्यादा अच्छे हैं और जहां तक दोस्तों की बात है उनके लिए कुछ भी लिखो तो वो स्पेशल ही लगता है।
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