@bhaskaredge
Bhaskar
@bhaskaredge · 2:54

Wo aakhiri shaam

और। 11 करके सब अपने घर चले गए। दोस्त यार? और कुछ जानकार। सब आए थे। कोई दुआ? तो कोई आँखों में। आंसू लेकर आये थे। सबने। खूब कहा की। दोस्त यार। यह बेहतरीन था। और शायद। माँ ने मान भी लिया। भोली? है। न? माँ? माँ? बोली ही होती है। जब बात उसके बच्चे की होती है। खैर? लोगों ने खूब बातें की। कि बंदा? बड़ा सही था। बस। वक्त का। शिकार हो गया। हालातों में। पड़ कर। हालातों का।

इन कुछ पंक्तियों में मैंने कोशिश की है अपने उस एक सपने को एक आयाम देने का जिसे सोच कर आज भी सहम जाता हूँ। कोशिश की है बयान करने कि उस एहसास को आप सब के समक्ष

0:00
0:00