Bhaskar
@bhaskaredge · 1:36
तेरे लिखे ख़त मैं चेनाब में बहा आया
तेरे लिखे खत में चेनाब में बाहर आया तेरे लिखे खत में चेनाब में बाहर आया पढ़ा मैंने उसे 1 आखिरी बार 1 बार फिर लगा जैसे की जिंदगी शाम के आसमान जैसी गुलाबीसी होगी गई थोड़ी देर के लिए ऐसा लगा जैसे मानों ठंड वाली रात में कोई अंगूठी ले के पास आ गया हो तेरे लिखे हुए अल्फाज जैसे थक चुके शरीर को चीरते हुए सीधा रूह को छूट रहे थे महसूस किया कि कैसे तूने जज्बातों की स्याही में भिगो के अपने पलकों से लिखे होंगे वो खत जैसे कि वो खत नहीं अपना कोई लम्हा ही तूने मेरे नाम कर दिया फिर तुझे समझ के उस खत को मैंने गले भी लगाया बैठा मैं थोड़ी देर वहीं किनारे पे थोड़ी आप बीती सुनाई फिर जब शाम हुई तो उसे अलविदा कह कर खद को तेरा माथा समझ के 1 आखिरी बार चूमा भी और फिर तेरे खत तेरे लिखे खत मैं चिनाब में बहा आया।
zeba sahib
@Sahibzaaadi · 0:15
hi backer ne jita खूबसूरती से लिखा है cosori से pa i do your most wals it was great as beautiful peceofriting।