ANKUSH BHADANA
@bhadana6004 · 4:16
तू एक बार लडका बन के तो देख💖😊
टूटे? या? दिल? तो पल के भिगो सकता? नहीं? तुझे? हर जख्म, हर गाँव को छिपाना पड़ेगा? तुझे? हर जखम, हर गाँव को छिपाना। पड़ेगा? कुछ भी हो? तुझे। दुनिया के सामने मुस्कुराना पड़ेगा? तू अपने ही आंसुओं का स्वाद चख कर? तो देख? तू। अपने ही आंसुओं का स्वाद चख कर? तो? देख? तू। 1 बार लड़का बन कर? तो देख? कि जिस पल? तो? जवानी की? दहलीज पर। तो? पहला कदम? बढ़ाएगा?
Neelam Singh
@NEELAM · 0:52
अंकुश जी आपकी पोयम बहुत अच्छी है। बहुत अच्छी। आपने। 11 पॉइंट। इसमें दिखाया है? सुनाया है? पोइटरी में डाला है? तो बहुत ही खूबसूरत पोयम बन गई है। आपकी। आपको। बहुत बहुत बधाई। मैंने भी इसके ऊपर। 1 कविता लिखी है लड़के के ऊपर ही। और मैं भी समझती हूं कि हां लड़के ऊपर बहुत जिम्मेदारी होती है। बाकि। आपने अभी कहा कि न? वो टूट सकता है? न रो सकता है। मेरे खयाल से यह सोच गलत होती है लड़कों की। क्योंकि यह ऐसा नहीं होना चाहिए।
बहुत बढ़िया जी आपने जो को बताया मेरे दिल को काफी छू लिया और हमारे बीच बातें करिए गोइंग थैंक यू।