आखिर में भी। अगर मिलनी नहीं है मंजिल? आखिर में भी? तो कुछ खास पल? देकर गुजर? जाने। 2? तो कुछ खास बल? देकर गुजर? जाने। 2 मेरा हो गया है मुझको बच्चों? और जाने। 2।
हेलो? जिंदगी। 1 ऐसी ऐसी खेल है जहां आपको हर 1 मिनट नाइन कोई न कोई नई सवाल उठती है। हर 1 मिनट। हम कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं। और ऐसी जो जर्नी है वही जिंदगी कहलाता है? और इस जिंदगी को हम खूब एंजॉय कर सकते हैं? या खूब रोते हुए बैठ सकते हैं। एंजॉय करना है या बैठना है? सिर्फ? ये हमारा डिसिशन है। जो निर्णय हम लेंगे उसके हिसाब से हम जिएंगे। तो इसलिए हम यह निर्णय लेंगे कि हम हर पल हंसते रहेंगे। धन्यवाद।