कौन कहता है कि मंजिलें आसानी से मिल जाती हैं? कौन कहता है कि मंजिलें आसानी से मिल जाती हैं? कौन कहता है कि किस्मत मेहनत से ज्यादा रंग लाती है? ख्वाइशें भी तो किसी इंसान का सबक पाती हैं। मंजिलें। मुश्किल से ही हाथ आती हैं? थैंक यू।
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 1:01
गुड? आफ्टरनून। आयुषी? बेहद? खूबसूरत। कविता। बिल्कुल। सही। बात। कहीं। आपने। मंजिलें यूं ही नहीं मिल जातीं हैं। उनके पीछे। बहुत मेहनत, कठिनाइयाँ? प्रेरना, त्याग सभी का समन्वय होता है। रास्ते तो मिल जाते हैं पर वो मंजिल को ले जाएंगे? यह कई बार समझ नहीं आता है। कभी कभी ऐसे भी मोड़ आते हैं जो मंजर के पास पहुंचाते पहुंचाते दूर ले जाते हैं। किन्तु मेहनत करते रहने से, डटे रहने से, मंजिल जरूर मिल ही जाती है। थैंक यू? सो, मच, फॉर, द, ब्यूटिफुल, पोइट्री कीप राइटिंग?