स्पष्ट है कि जहां समस्त भूमंडल के स्वामी पृथ्वी की नाभी पर स्थित होकर का समय का संचालन कर रहे हैं। उज्जैनी में ही कल्पादि, सृष्टि आदि युगादी नव वर्ष महोत्सव आयोजित करने का विशेष महत्व है। बिना पंचांग कैलेंडर से जानें, नया वर्ष कप से। आकाश व अंतरिक्ष। हमारे लिए 1 विशाल प्रयोगशाला है। गृह, नक्षत्र, तारों, आदि के दर्शन से उनकी गति, स्थिति, युति, उदय, अस्त से हमें अपना पंचांग स्पष्ट आकाश में दिखाई देता है। अमावस पूनम को हम स्पष्ट समझ जाते हैं।
Jagreeti sharma
@voicequeen · 1:00
ह**ो? आयी। आपने उज्जैन के बारे में और काल गणना के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी प्रस्तुत की है। अपने सवाल में। आपने बहुत ही अदभुत और बहुत गहराई से जानकारियों को साझा किया है। साथ ही बताया है कि जो भारतीय परिधान होता है। भारतीय त्योहार का करना होते हैं वो उसका आध्यात्मिक महत्व के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी होता है। जैसे कि हमने ृनु्छत्रब्रह्मान तारी खगोल की बहुत अच्छी जानकारी दी है। हमारा जो हिंदी महिला है उसका नाम जो है, चरपैखसाजहैनक्षत्र के नाम पर ही लिया गया है। आपने बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुत की है।