@astangi
Prabudhjeet Astangi
@astangi · 4:00

एक सफर खुदके साथ

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तो मैं बस ऐसे जहाँ रुका था न उस लेन में थोड़े से घर ज्यादा थे थोड़ी सी आबादी थी वो पर शांति थी मतलब अगर देखा जाए तो 1 कलौनी कह सकते हैं पहाड़ों की कलौनी पर शांति थी तो वहाँ मैं ऐसे शाम को थोड़ा टहलने निकल गया तो 1 शॉप पे गया तो मैं गया पर्स वॉलेट जो है वो वहीं भूला घर पर मुझे वहां जाके रेलाइज हुआ तो अब मैं गया उनके पास और मैंने चाय ऑर्डर की ऑर्डर की और इतने में मुझे रेलाइजहुआमैंहमेशा मतलब ऑर्डर करने के पहले या थोड़े बाद मतलब चेक करता हूं कि पर्स मेरे पास आया नहीं क्योंकि काफी बार ऐसा हुआ है मेरे वॉलेट भूल गया हूँ पर मैंने ऑडर दे दिया तो खैर मैंने दिया और बोला मैंने अंटी मेरे पास अभी मैं वॉलेट भूल गया हूँ तो मैं आता हूँ और फिर आपको दे दूंगा तो बड़े प्यार से बोले अच्छा वहाँ पर रुके मैंने कहा हाँ ठीक है कोई बात नहीं बाद में दे देना मैंने कहा नहीं नहीं आंटी में अभी जा के ले अरे कोई बात नहीं बाद में आ जाना बाद में दे देना कोई बात नहीं ऐसी कोई बात नहीं अब थोडा मैं ऐसे भूख भूख सी लगी थी मैंने तो ऐसे मैंने रैंडमली पूछलमैंनेटमोमोज मिल सकते हैं क्या?

#travel #explore #buddha #peace

@Aishani
Aishani Chatterjee
@Aishani · 1:28

@Rosh_Says

वह आपका ये taवeलस्टोरी सही में बहुत अच्छा लगा? sुnkabecause? i think its incidence? or instansislike? this? that ren? state? of faith? in? humanity? और आपने? जो कहा कि जब जिन, जिन जगह पे, अभी तक मॉडेनाiजेशन रीच? नहीं कर पाई है? टू? दैट एक्टेंट पीपल? स्टिल? वैल्यू? वार्ड? ऑफ माउथ? यू? नो? पीपल? स्टिल? वैल्यु? वर्ड्स? एंड पीपल? स्टिल? वैल्यू? प्रोमिसेज? ंड? कॉनडिसेशंजexिसट जो?
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