कैद की वजह यह थी कि उसने बादशाह के सामने सत्य बातें कह दी थीं। बादशा को फकीर का कहा हुआ? सच अप्रिय लगा। सो। उसने उसे कैद कर लिया। उस फकीर के 1 मित्र ने उससे कहा आखिर के बैठे? बिठाए? मुसीबत? क्यों? मोल? ले? ली? न? कहते हुए? सब बातें? तो। तुम्हारा क्या बिगड़ जाता? अपने मित्र की बातें सुनकर? फकीर हंस पड़ा? और बोला? मैं? करूँ भी? तो क्या? जब से खुदा का दीदार हुआ है तब से झूठ बेमानी हो गया है।