ह**ो वाइस तो बात नौकरी पर ही चल रही है तो 1 और इसी के बारे में लेके आया हूँ हम सबको बचपन से ही सिखाया जाता है कि अगर हम बहुत बढ़ेंगे तो हमें अच्छी नौकरी मिलेगी बस तब से सब जुड़ जाते हैं अच्छी नौकरी दिलाने के लिए लेकिन हम बड़े होकर नौकरी नौकरी हासिल कर लेते है तो हमारे सामने जो समस्या आती है उस नौकरी के प्रति जो विचार बन जाते है आइए जानते हैं वही सब इस हास्य लगी कविता नौकरी पर तो कविता है नौकरी देगी मारो भैया में तो शुरू करते है पैसे लेकर सह लेता है तू जो अत्याचार नौकरी देगी मार ओ भैया नौकरी देगी मार मेहनत करता तू है क्रेडिट को चमचा ले जाता है चाटता है तलवे व ऐसे मालिक को विभाग जाता है किया कराया तेरा सब को कहता है बेकार नौकरी देगी मारो ओ भैया नौकरी देगी मारो छुट्टी करना आफत है चैन से रहना पाप काम जरूरी है इनका चाहे मरे किसी का बाप रिश्ते नाते टूटे सब अब यही अपना संसार नौकरी देगी मार ओह भैया नौकरी देगी हमार अरे रोटी के चक्कर में रोटी खाने को नहीं मिलती है जाने कैसे दाल हो गई कभी जो नहीं गलती है काम समय पर चाहिए पर मिलती लेट पगार नौकरी देगी देगी मा ओ भैया नौकरी देगी मां तो इस हस वंगी कविता की नौकरी में आप अपने विचार में जरूर बताइए क*ेंट में वापस वापस बोल कर बताइएगा अब मुझे भी बताइए आप कौन सी नौकरी करते हैं या क्या करते हैं या आप अपनी लाइफ में क्या करना चाहते हैं आपका पैर न के बारे में करते हैं बात इसी के बारे में चलो टेक।