ह**ो गाइस तो मैं आपके लिए कुछ ले के आया हूँ नया सरकारी नौकरी के बारे में मैं तैयारी कर तो सोचता हूँ इस पर 1 कविता लिख जाए तो नौकरी हो तो जी सरकारी 1 कविता है तो शुरू करते है नौकरी हो तो जी सरकारी वरना अच्छी है वही बेरोजगारी बेरोजगारी के दुखड़े से मिलता है मासिक भत्ता जाएंगे जिससे एग्जाम देने दिल्ली मुंबई कलकत्ता अब कलकत्ता कर काली के दर्शन मांगेंगे सरकारी नौकरी ताकि अपार धहवसंगब्याने को आए सुंदर छोकरी छोकरी के मां बाप भी ढूंढे वहीं सरकारी नौकर अत पीछे पड़े नौकरी के पीछे सब हाथ धोकर धोते धोते धुल गया नसीब हो गई जेबें खाली भागम भाग में फिकी हुई जिंदगी की खुशहाली खुशहाली दे जॉब में की हमेशा प्रभु से बनती लेखक खिलाड़ी जैसे प्रोफेशन की कोई न गिनती गिनती में है रिश्वत के नोट जी भर के मक्कारी फिर मुस्तान का कहना है हां जी नौकरी है सरकारी सरकारी बहनों के हाल जैसे ही जिंदगी बहाल सरकारी मान व पारिवारिक पोषण से समझे खुशहाल खुशहाल ऐसे बन कर के देखो जी सरकारी नौकर जो देखे इससे अलग अपने सपने समझे जहां उसको जोकर तो जोकर बना था दुनिया में रखना दूसरे प्रोफेशन की सोच सोच वाला अपने को रिश्तेदारों और परिचतों के लिए चोक हर कोई भारत में सरकारी नौकरी चाहता है और क्यों न चाहिए सरकारी नौकर का अलग ही मजा है इसमें मेहनत क* और पैसा खूब है और क्यों न आखिर नौकरी है जी सरकारी तो सरकार रखेगी खुशाली तो गुशाली चाहिए तो करो जी सरकारी नौकरी वरना भूल जाओ की मिलेगी तुम्हें कोई छोकरी इसी के साथ इस स्वेल को करते हैं बताइए आप तैयारी किस चीज की तैयारी कर रहे है आप कॉलेज में है प्राइवेट है गवर्नमेंट है नीचे क*ेंट सेक्शन में 1 छोटा सा स्वेल पोस्ट कीजिये और मेर को वापस मैं आपको वापस रिप्लाई करूंगा इसी के साथ टाटा परबईकेकरटेकर।