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Doesn't Matter
@ankahi.by.mansi · 2:33

जिंदगी और नया साल

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जिंदगी को सजाने में कितने रंज पाले हैं जिंदगी को सजाने में कितने रंज पाले हैं गहराई बढ़ती गई सीख के दरिया की गहराई बढ़ती गई सीख के दरिया की खुशियां ढूंढते ढूंढते डूबते जा रहे हैं तैरना यहाँ हर कोई कहाँ जानता है तैरना यहाँ हर कोई कहाँ जानता है लेकिन यह दरिया ही बड़ा उदासीन सा है किसी को किनारा दिखाता है तो किसी को गहराई अपनी किसी को किनारा दिखाता है तो किसी को गहराई अपनी कोई डूबता हुआ भी तैर गया कोई डूबता हुआ भी तैर गया कोई मछुआ भी डूब गया वक्त गुजरते गुजरते पता ही नहीं चला वक्त गुजरते गुजरते पता ही नहीं चला कब खुद ही वक्त से गुजरने लगा लगे हैं फिर जब जिंदगी को सजाना छोड़ दिया फिर जब जिंदगी को सजाना छोड़ दिया और रंज से फिर भी न छूटी तब लगा सलीका ही गलत था जीने का तब लगा सलीका ही गलत था जीने का जिंदगी तो बड़ी मजेदार कट रही थी हे देर मानसेदिससाइड नया साल शुरू ही हुआ है तो 1 शेर सुनिएगा क्या बता बताए गुजरे साल को कैसे गुजारा क्या बताएं गुजरे साल को कैसे गुजारा है कहाँ से गुजरे हम कहाँ कहाँ से गुजरे हम और आप पहुंचे फिर वहीं दोबारा आई होप यू फेल्ट कनेक्टेड स्टेट फॉर मोर।

Trying to make some sense of certain unfiltered feelings & thoughts via words if you felt connected do like & reply! #swellcast #poetsofswell #writer

@its_me_patel_
Anurag Singh
@its_me_patel_ · 0:24
हे ई रैली लाइक योर पोयम द वे यू एक्सप्लेन की जिंदगी हमें हर 1 मोमेंट में कुछ न कुछ सिखाती रहती है। हमारे हर 1 फेस में कुछ न कुछ परेशानियां आती रहती हैं। वी आर स्टिल स्ट्रगलिंग फॉर आवर गोल्स सम अचीव टाइम और सम स्टिल स्ट्रगलिंग फॉर लाइफ टाइम टू।
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