भले दिनो की बात है ,भली सी एक शक्ल थी ….
भले? दिनों की बात है। भली? सी। 1 शक्ल थी? भले? दिनों की बात है? भली? सी। 1 शक्ल थी? भली? सी उसकी। दोस्ती। अब उसकी? याद? रात? दिन? नहीं। मगर? कभी कभी नमस्कार साथियों मैं हूँ। आपका अपना अल्फाज वाला रेडियो। और 1 बार फिर से आप सभी के सामने। मुखादि होने जा रहा हूँ। 1। नयी। कविता के साथ में। कविता लिखी है। अहमद। फराज जी ने। बेहद खूबसूरती के साथ में। आप कविता की खूबसूरती को जानना समझना।
है? ये सही है। ये। 1 रिलेशनशिप में प्यार बहुत जरूरी है। बट मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है रिस्पेक्ट। 1 दूसरे के लिए? किसी भी रिलेशनशिप में नॉट? जस्ट। 1 लबर वाला रिलेशनशिप। आप कोई भी रिलेशनशिप ले लो? उसमें रिस्पेक्ट बहुत इंपॉर्टेंट कैरेक्टर प्ले करता है। मतलब जहाँ रिस्पेक्ट है वहाँ पर प्यार अपने आप आ जाएगा। लेकिन जहाँ प्यार है और रिस्पेक्ट नहीं है वहाँ पर वो रिलेशनशिप टिक ही नहीं सकता। बिकाज जब आप रिस्पेक्ट नहीं करते फिर आप अगर प्यार भी हो तब भी।
सा बीफ डिस्कशन कर सकते हैं? चर्चा कर सकते हैं। कि? देखिये? हमें सबसे पहले यह जानना जरूरी हो जाता है कि हम जिस शख्स के साथ में है उसके साथ में प्रेम की वजह से है? या फिर अटैचमेंट की वजह से है? ये जो 2 चीजें हैं अपने आप में। इनके बीच में 1 बारीक सी लाइन है। जब ये लाइन क्रॉस हो जाती है? प्रेम से क् लॉस? होकर के अटैक्मैंडमें तब्दील हो जाती है। तो अमूमन हमने देखा है कि रिलिसंसेज्यादा टॉक्सिक होने लगते हैं? रिस्पेक्ट फुली टूटने लगते हैं? और दूसरे शख्स के मायने बदलने लगते हैं?
Kushagra verma
@Kushagraverma · 1:28
क्योंकि उन्हें लगता है कि वो शायद प्रेम है जबकि उनके बीच में प्रेम होता नहीं है। और कभी कभी सब कुछ होने के बाद में भी वो संतुष्ट होते नहीं है क्योंकि वो प्रेम भाव से अनभिग्य रहते हैं। तो यह तो सच है कि प्रेम का होना बहुत जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी है प्रेम को समझना। अगर आपने प्रेम को वक्त नहीं दिया तो शायद प्रेम जैसा ऐसा वक्त रहते आपको नहीं मिल पाता।