जब उसे देखा तो बस लगा कि अब चाहो भी तो कुछ कह नहीं सकता कोशिश कर सकता था पहले भी बात करने की नफरत इतनी भी नहीं थी की बात नहीं की जा सके बस थोड़ा थोड़ा ईब होता वो मुझसे नाराज थी, मैं उस से नाराज था पर कभी किसी ने बात नहीं की पर जब उसे आग की लपटों में चलता हुआ देखा तो जिंदगी में पहली बार लगा कि यह लोग जा सकते हैं, कभी भी जा सकते हैं और हम रोक नहीं पाएंगे।