@aksar
akanksha ahuja
@aksar · 3:22

कविता

जो मादकता के मारे हैं। वे मधु लूटा ही करते हैं। वह कच्चा पीने वाला है? वह कच्चा? पीने वाला है? जिसकी ममता? घट? प्यालों? पर? जो? सच्चे? मधु से जला हुआ। कब? रोता है? चिल्लाता है? बीत गई? सो बात गई? बीत गई। सो। बात गई? धन्यवाद?
@Kavya13
Kavya .
@Kavya13 · 0:26
ये कविता हरिवंश राय बच्चन जी के द्वारा बहुत ही खूबसूरत कविता है जो हमें अपनी जिंदगी से जोड़ती है। हमें मोटीवेट करती है आगे बढ़ने के लिए। और मैं आपका बहुत ही धन्यवाद करना चाहूंगी कि आप इतनी खूबसूरत कविता हमारे समक्ष लेके आई और हमें फिर से मोटीवेट किया और धन्यवाद।
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